47 एकड़ जमीन, 672 किराएदार, ₹1000 करोड़: जानिए संजय राउत की पत्नी और दोस्त ने कैसे किया खेल, भूमि घोटाले में ED ने जब्त की है शिवसेना MP की प्रॉपर्टी

पात्रा चॉल घोटाला केस में संजय राऊत के घर पर ED की छापेमारी (फाइल फोटो)

मुंबई के गोरेगाँव के पात्रा चॉल घोटाले में कार्रवाई करते हुए 5 अप्रैल 2022 को शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी और उनके करीबी प्रवीण राउत से जुड़ी 11 करोड़ रुपए की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त कर ली गई। पात्रा चॉल घोटाले में संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत की संलिप्तता है। वह गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक हैं। इसी कंपनी के पास गोरेगाँव के पात्रा चॉल का पुनर्विकास करवाने का जिम्मा था। जिसने अपना काम करने की जगह घोटाले को अंजाम दिया और फिर पैसों का हेर-फेर शुरू हुआ। संजय राउत की पत्नी भी इन्हीं हेर-फेर के पैसों से खरीदी गई संपत्ति के कारण ईडी की रडार पर हैं।

पात्रा चॉल भूमि घोटाला

महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) की 47 एकड़ जमीन पर 672 किराएदार रहते थे। इन्हीं 672 किराएदारों के पुनर्वास के लिए पात्रा चॉल परियोजना के तहत चॉल के विकास का काम प्रवीण राउत की कंपनी को सौंपा गया। कॉन्ट्रैक्ट में कहा गया था कि 47 एकड़ पर जो बिल्डिंग बनेगी उसके 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने होंगे और तीन हजार फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करने होंगे। बाद में जो जमीन बचेगी उसे बेचने और विकसित करने के लिए भी अनुमति जरूरी होगी। अब चॉल विकास के कॉन्ट्रैक्ट में सब चीजें तय थीं। बस गड़बड़ तब शुरू हुई जब कंपनी ने न तो इस जगह का विकास किया। न किराएदारों को मकान दिए और न ही MHADA को फ्लैट हैंडओवर किए।

1000 करोड़ रुपए का हेरफेर

मुंबई पुलिस में दायर एफआईआर के आधार पर चालू हुए इस केस पर ईडी ने बताया, “पीएमएलए के तहत की गई जाँच से पता चला कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक होने के नाते प्रवीण राउत ने पुनर्विकास परियोजना में सक्रिय भूमिका निभाई और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटिड के राकेश कुमार वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की भूमि हेर-फेर में कामयाब रहे। इस दौरान 672 किरायेदारों और खरीदारों के हितों को नुकसान पहुँचाया गया। ईडी ने बयान दिया कि विभिन्न बिल्डरों से 1, 034 करोड़ पाने के अलावा आरोपित ने बैंक से भी लोन लिए।

संजय राउत की बीवी वर्षा राउत का भूमि घोटाले में कनेक्शन

ईडी अधिकारियों ने आगे आरोप लगाया कि 2010 में, प्रवीण राउत ने इक्विटी सेल और भूमि सौदों की आड़ में अपने बैंक खाते में 95 करोड़ रुपए प्राप्त किए थे, हालाँकि कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर सकी और उनकी कोई कमाई नहीं हुई। प्रवीण पर एजेंसी ने आरोप मढ़ा कि एचडीआईएल कंपनी से प्रवीण राउत के खाते में 100 करोड़ ट्रांस्फर किए गए। इसके बाद उसने ये पैसा अपने करीबियों व परिजनों के अकॉउंट में डाल दिया।

2010 में अपराध से जुड़ा पैसा वर्षा राउत के पास आया। ये रकम 83 लाख रुपए की थी जिसने प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी प्रवीण राउत के जरिए भेजा गया था। इसी पैसे का इस्तेमाल वर्षा राउत ने दादर में फ्लैट खरीदने के लिए किया। जब जाँच हुई तो पता चला कि वर्षा के पास से माधुरी के पास 55 लाख रुपए ट्रांस्फर हुए थे। इनके अलावा और भी ट्रांजैक्शन थीं। ईडी का कहना है कि खिम बीच के पास जो 8 प्लॉट हैं वो भी वर्षा राउत और स्वप्ना पाटकर के नाम पर खरीदे गए हैं। स्वप्ना, उन सुजीत पाटकर की बीवी हैं जो संजय राउत के करीबी हैं।

संजय राउत के दोस्त की गिरफ्तारी

बता दें कि इस भूमि घोटाले में एजेंसी लंबे समय से अपनी जाँच कर रही है। 2 फरवरी 2022 को इस बाबत प्रवीण राउत को अरेस्ट किया गया था और कल जो कार्रवाई हुई उसमें 11 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया गया। इसमें प्रवीण राउत के पालघर, सफल और पडगा में जमीन और  मुंबई के दादर व अलीबाग के किहिम बीच में संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के प्लॉट जब्त किए गए। किहिम बीट वाली संपत्ति में वर्षा राउत के साथ स्वप्ना पाटकर भी मालिक थीं।

संजय राउत का गुस्सा

राउत से संबंधित संपत्तियों पर कार्रवाई के उन्होंने कल अपना गुस्सा दिखाया था। उन्होंने कहा था, “मैं वो नहीं हूँ जो डर जाऊँ। मेरी संपत्ति जब्त कर लो। मुझे गोली मार दो। जेल भेज दो। संजय राउत, बालासाहेब ठाकरे का चेला है। एक शिवसैनिक है। वो लड़ेगा और सबका पर्दाफाश करेगा। मैं चुप रहने वालों में से नहीं हूँ। उन्हें फुदकने दो। नाच लेने दो जितना नाचना है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया