नाथूराम गोडसे पर मांजरेकर बनाएँगे फिल्म, AAP नेता संजय सिंह बीच में कूदे, PM मोदी से पूछा- क्या आपकी इजाजत से बन रही है फिल्म?

AAP के संजय सिंह चाहते हैं कि गोडसे की बायोपिक के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराया जाए

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह ने रविवार (3 अक्टूबर, 2021) को पीएम मोदी से सवाल किया कि क्या उन्होंने नाथूराम गोडसे पर बायोपिक बनाने की इजाजत दे दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “मोदी जी के जीवन पर फ़िल्म बनाने वाले फ़िल्म निर्माता अब बापू की हत्या करने वाले आतंकवादी गोडसे को महिमामंडित करने की होशियार कोशिश के तहत ‘गोडसे’ पर फ़िल्म बनाने जा रहे हैं। ये फ़िल्म का पोस्टर है। मोदी जी क्या आपने ये फ़िल्म बनाने की इजाज़त दी है?”

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पीएम मोदी से सवाल करने के पीछे संजय सिंह का लॉजिक यह था कि फिल्म के निर्माताओं में से एक संदीप सिंह ने 2019 में पीएम मोदी की बायोपिक बनाई थी। उल्लेखनीय है कि किसी फीचर फिल्म या बायोपिक को बनाने के लिए किसी भी मेकर्स को प्रधानमंत्री से अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है, जब तक कि यह सीधे तौर पर उनकी जिंदगी से जुड़ा हुआ न हो। फिल्म रिलीज के लिए तैयार हो जाने के बाद निर्माता सेंसर बोर्ड से संपर्क करते हैं और सर्टिफिकेट लेते हैं, ताकि फिल्म भारत में रिलीज हो सके। मगर संजय सिंह इस बायोपिक के बारे में इसकी टीम से पूछने की बजाय पीएम मोदी से सवाल कर रहे हैं।

बता दें कि फिल्म की घोषणा फिल्म निर्माता महेश मांजेरकर ने गत गाँधी जयंती पर की थी। उन्होंने ट्वीट किया, “नाथूराम गोडसे की कहानी हमेशा मेरे दिल के करीब रही है।” गोडसे पर आने वाली फिल्म का निर्माण लीजेंड ग्लोबल स्टूडियो और थिंकइंक पिक्चर के बैनर तले किया जाएगा। फिलहाल, फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी जा रही है और इसके 2022 के सेकेंड हाफ में रिलीज होने की उम्मीद है।”

प्रेस रिलीज में मांजरेकर ने कहा, “इस तरह की फिल्म का समर्थन करने के लिए काफी साहस चाहिए। मैं हमेशा कठिन विषयों और बिना समझौता किए कहानी कहने में विश्वास करता हूँ। लोग गोडसे के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, सिवाय इसके कि वह गाँधी पर गोली चलाने वाले व्यक्ति थे। उनकी कहानी बताते हुए हम न तो किसी को संरक्षण देना चाहते हैं और न ही किसी के खिलाफ बोलना चाहते हैं। हम इसे दर्शकों पर छोड़ देंगे कि कौन सही है या गलत।” मांजरेकर ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में भी यह बातें लिखी।

वहीं संदीप सिंह ने कहा, “नाथूराम गोडसे की कहानी वह है जिसे मैं अपनी पहली फिल्म बनाने के बाद से बताना चाहता था। यह एक अनकही कहानी है, जिसे सिनेमा प्रेमियों के सामने पेश किया जाना चाहिए। गोडसे और गाँधीजी के बारे में कहानियों के विभिन्न संस्करण हैं। महेश, राज और मेरा इरादा तथ्यात्मक कहानी को सामने लाने का है और इस तरह आज की पीढ़ी के लिए भूले-बिसरे इतिहास के पात्रों की सिनेमाई कृति सामने लाना है।”

राज शांडिल्य ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में नाथूराम गोडसे के बारे में जानने में एक नई दिलचस्पी पैदा हुई है। साथ ही, हम ऐसे समय में रह रहे हैं जहाँ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विभिन्न दृष्टिकोणों और विचारों को प्रोत्साहित किया जाता है। इसलिए, हमें लगता है कि नाथूराम गोडसे पर फिल्म लाने का यह सही समय है।”

उल्लेखनीय है कि 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने मोहनदास करमचंद गाँधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोडसे को 15 नवंबर 1949 को फाँसी पर लटका दिया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया