CAA पर ‘पॉलिटिक्स’ करने पहुँचीं प्रियंका गाँधी, आपस में ही लड़ गए कॉन्ग्रेसी: देखें Video

प्रियंका गाँधी (फाइल फोटो)

नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के विरोध के नाम पर देश के कई हिस्सों में हिंसा की गई। आगजनी, पत्थरबाज़ी, पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों पर जानलेवा हमले किए गए। मेरठ में तो पूरी की पूरी पुलिस टीम (30 पुलिसकर्मी) को एक दुकान में बँधक बनाकर ज़िंदा जला देने की ख़ौफनाक वारदात को अंजाम देने की कोशिश की गई। दंगाइयों ने तो दुकान के बाहर आग लगाकर पुलिसकर्मियों को ज़िंदा जलने के लिए छोड़ ही दिया था, वो तो पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी के चलते वे बाल-बाल बच गए।

इस हिंसक भीड़ में शामिल लोगों से लगाव दिखाने का कॉन्ग्रेस और उसकी महासचिव प्रियंका गाँधी कोई मौका नहीं छोड़ रहीं। इसी क्रम में वे शनिवार को हिंसा में जख्मी लोगों और मृतक के परिजन से मिलने पहुॅंचीं। वह परतापुर इलाके में गईं। यहॉं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच पहले बहस हुई। बाद में धक्कामुक्की तक की नौबत आ गई। इस दौरान प्रियंका भी वहीं मौजूद थीं।

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इससे पहले ऐसी ही अराजकता प्रियंका के लखनऊ दौरे के दौरान भी देखने को मिली थी। 28 दिसंबर 2019 को प्रियंका ने एक महिला अधिकारी पर गला दबाने का आरोप मढ़ दिया। लेकिन, अपने दावे के समर्थन में वह कोई सबूत नहीं पेश कर पाई। यहॉं तक कि कॉन्ग्रेस ने जो वीडियो शेयर किया उसमें भी प्रियंका के साथ खड़े लोग ही महिला अधिकारी के साथ धक्का-मुक्की करते नजर आए। बाद में प्रियंका गॉंधी भी गला दबाने की बात से पलट गई।

महि​ला अधिकारी अर्चना सिंह ने बाद में बताया कि कैसे प्रियंका पहले से तय रास्ते को छोड़कर दूसरे मार्ग से निकलने लगी तो अपनी ड्यूटी निभाते हुए उन्होंने उन्हें रोक कर इस संबंध में बात की। उन्होंने बताया, “इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गाँधी) फ्लीट इंचार्ज थी। उनके साथ किसी ने भी अभद्रता नहीं की। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी की। इस घटना के दौरान मेरे साथ धक्का-मुक्की की गई थी।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया