बेंगलुरु दंगे में SDPI का नाम आने पर इसे बैन करने की तैयारी: कर्नाटक सरकार के मंत्री ने कहा- 20 अगस्त को फैसला

कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने बताया SDPI पर है बैन की तैयारी

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में भड़की हिंसा के पीछे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) का नाम सामने आया है। सूबे की येदियुरप्पा सरकार इस पर प्रतिबंध लगा सकती है। कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि SDPI एक बेकार संगठन है हम इसे बैन करने के बारे में विचार कर रहे हैं।

मंत्री ने कहा, “SDPI एक वाहियात संगठन है और इस पर बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही दो फैसले लिए जाएँगे। पहला ये कि बेंगलुरू हिंसा में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त की जाएगी। दूसरा एसडीपीआई पर प्रतिबंध। 20 अगस्त को कैबिनेट की बैठक में इन 2 मामलों पर चर्चा की जाएगी।”

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बता दें, एसडीपीआई इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक संगठन है। गत गुरुवार को बेंगलुरु पुलिस ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता केजे जॉर्ज के करीबी सहयोगी एसडीपीआई के सदस्य कलीम पाशा को बेंगलुरु हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। जिला सचिव मुज़म्मिल पाशा सहित दो अन्य लोगों को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के नेता मुजम्मिल पाशा को दंगों का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

गौरतलब है कि बेंगलुरु में 11 अगस्त की हिंसा के सिलसिले में 60 और लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें कलीम पाशा को मिलाकर हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या 206 हो चुकी है। वहीं उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण के अनुसार हिंसा के संबंध में इसके 4 सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने के बाद सरकार SDPI पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रही थी।

पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के अनुसार, 5 लोगों के एक गिरोह ने 200 से 300 लोगों की भारी सशस्त्र भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें पुलिस पर हमला करने के लिए कहा था।

बेंगलुरु के जीडे हल्ली इलाके में मंगलवार रात करीब 9.30 बजे उपद्रवियों ने कॉन्ग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति के घर को निशाना बनाया था। इस दौरान विधायक के घर का एक हिस्सा आग के हवाले कर दिया गया था। दरअसल, विधायक श्रीनिवास के भतीजे ने सोशल मीडिया पर पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट किया था, जिसके बाद संप्रदाय विशेष के लोगों ने जमकर बवाल मचाया था। करीब 250 गाड़ियाँ फ़ूंक दी गई। वहीं हिंसा के दौरान हमले में एडिशनल पुलिस कमिश्नर समेत 60 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं थीं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया