रामनवमी, हनुमान जयंती से पहले राजस्थान के कोटा, बीकानेर, जोधपुर और अब अजमेर में धारा 144: भाजपा नेता ने बताया CM गहलोत का ‘नादिरशाही’ फरमान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (तस्वीर साभार: HW)

राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की अगुवाई वाली कॉन्ग्रेस सरकार (Congress Government) में राज्य के अजमेर जिले में हिंदू त्योहारों से पहले धारा 144 लागू करने का फरमान जारी किया गया है। फरमान में आयोजनों के दौरान धार्मिक चिन्ह वाले झंडों को नहीं लगाने की हिदायत दी गई है।

भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अजमेर नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन हिंदुस्तानी ने इस संबंध में अजमेर के जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए सर्कुलर को ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने कॉन्ग्रेस शासन की तुलना मुगलराज से की है।

नीरज जैन ने ट्वीट कर लिखा, “कोटा, बीकानेर, जोधपुर और अब अजमेर सहित अन्य शहर में गहलोत साब का नादिरशाही फ़रमान। किसी धार्मिक चिन्ह के झण्डे लगाना, DJ बजाना अपराध है! गौरतलब है कि एक और महावीर जयंती, दुर्गा अष्टमी, अम्बेडकर जयंती, राम नवमी और हनुमान जयंती के जुलूस और शोभा यात्रा पर ये आदेश #गहलोतराज_मुग़लराज

बता दें कि 10 अप्रैल को रामनवमी, 14 अप्रैल को महावीर जयंती और 16 अप्रैल को हनुमान जयंती है। इन अवसरों पर हिंदू समुदाय धूमधाम से झाँकी एवं जुलूस निकालते हैं और पर्व को मनाते हैं। सरकार के फरमान में आयोजनों के दौरान धार्मिक झंडे पर रोक लगाने की निर्देश के बाद हर तरफ सरकार की आलोचना हो रही है।

अजमेर प्रशासन द्वारा जारी किए सर्कुलर में कहा गया है, “अजमेर के पुलिस अधीक्षक द्वारा यह अवगत कराया है कि अजमेर जिले में आयोजित होने वाले धार्मिक प्रायोजनों के दौरान धार्मिक प्रतीक चिन्ह युक्त झंडियाँ सार्वजनिक संपत्ति, जैसे कि सामुदायिक भवन/ विश्राम गृह, सार्वजनिक पार्क, चौराहे/तिराहे, बिजली/टेलीफोन के खंभे आदि अथवा किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति पर बना सक्षम स्वीकृति के लगाकर, व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा कानून व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित कर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास किया जाता है। जिससे लोक शांति भंग होने और कानून-व्यवस्था तथा सामाजिक सद्भाव प्रतिकूल रूप से बाधित होने की आशंका उत्पन्न हो सकती है।”

अजमेर के जिलाधिकारी दीप अंश के नाम से जारी इस सर्कुलर में कहा गया है कि इस प्रतिबंध गुरुवार (7 अप्रैल 2022) से अगले एक माह तक जारी रहेगी। इस दौरान अगर कोई व्यक्ति या समूह इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इसके पहले 30 मार्च को बीकानेर सहित कई जिलों में धारा 144 लगाई गई थी और किसी भी यात्रा, रैली और जुलूस के लिए संबंधित थानाधिकारी से अनुमति आवश्यक कर दी गई थी। बीकानेर में 2 अप्रैल को हिंदू धर्म यात्रा और महाआरती का आयोजन होना था। इसके पहले सरकार ने धारा 144 लगा दिया था। इसको लेकर बाकी बवाल हुआ था।

इस तरह प्रतिबंधों के कारण करौली में हिंदू नव वर्ष पर निकाली गई जुलूस यात्रा में मुस्लिमों की भीड़ ने हिंदुओं पर हमला कर दिया था। इस हमले में 33 लोग और चार पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। वहीं, कई वाहनों और दुकानों में आग लगा दी गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया