‘मोदी को अंगार लगा सुलगा डालो’: बुर्का के समर्थन में NCP, हिजाबी महिला ने की पीएम की हत्या वाली बात, FIR दर्ज

NCP के बुर्का समर्थित विरोध प्रदर्शन में बुर्का पहली महिला ने उगला जहर (फोटो साभार: TV9 Marathi/Twitter)

सोशल मीडिया पर अभी एक वीडियो वायरल है। यह वीडियो बुर्का/हिजाब के समर्थन में पुणे में शरद पवार की राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) द्वारा आयोजित एक ‘विरोध’ प्रदर्शन का है। इसमें एक महिला को कहते हुए सुना जा सकता है, “कर्नाटक में चार दिन से स्कूल, कॉलेज सब बंद हो गए हैं। बहुत बड़ी परेशानी है। यह अचानक कुछ भी निकालता है मोदी कायदा-कानून। ये मोदी को सब अंगार लगा कर सुलगा डालो।”

अब इस मामले में केस दर्ज कराया गया है। यह केस महाराष्ट्र के RSS के सह संयोजक पीयूष जगदीश कश्यप ने करवाई है। उन्होंने पीएम के खिलाफ अपमानजनक और धमकी भरी टिप्पणी करने के लिए महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सायबर पुलिस स्टेशन में दर्ज अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि महिला ने पीएम मोदी के खिलाफ धमकी भरा और अपमानजक शब्द का इस्तेमाल किया। 

जगदीश ने अपनी शिकायत में उस वीडियो का यूट्यूब लिंक और सीडी भी उपलब्ध कराई है। हालाँकि अब वह वीडियो प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं है। RSS कार्यकर्ता ने कहा कि इस तरह की भाषा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उस पोस्ट के खिलाफ भी नफरत पैदा करती है। उन्होंने कहा कि वीडियो देख कर साफ तौर पर उसका इरादा पता चलता है कि वह जनता के बीच पीएम मोदी की अच्छी छवि को धूमिल करना चाहती है। उनका कहना है कि इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा और वह भी इसी तरह की व्यवहार कर सकते हैं।

बता दें कि गुरुवार (10 फरवरी 2022) को राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में बुर्का (जिसे लोग हिजाब भी कह रहे हैं, जबकि दोनों में अंतर है) पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों के समर्थन में महाराष्ट्र के पुणे जिले में प्रदर्शन किया। एनसीपी की पुणे इकाई के अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने भगवा दुपट्टा डाले उन लड़कों पर निशाना साधा, जिन्होंने बुर्के का विरोध किया था। 

उन्होंने कहा, “कर्नाटक के उडुपी में एक मुस्लिम लड़की का कुछ दिन पहले कई दक्षिणपंथी युवकों ने पीछा किया था। इस घटना से भारतीयों के सिर शर्म से झुक गए हैं।” मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जगताप ने शिक्षण संस्थानों में धर्म और राजनीति लाने के लिए भाजपा सरकार की भी आलोचना की। हालाँकि बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए वह यह भूल गए कि कर्नाटक में बुर्का विवाद की शुरुआत सबसे पहले आठ मुस्लिम लड़कियों ने की थी, जिन्होंने कॉलेज की यूनिफॉर्म के नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया था।

नोट: भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, ये बुर्का के लिए हो रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया