बेंगलुरु की विपक्षी महफिल से शरद पवार गायब, लखनऊ में दारा सिंह चौहान ने थामा BJP का दामन: कुमारस्वामी-कुशवाहा से भी मिले झटके

शरद पवार विपक्षी डिनर का नहीं होंगे हिस्सा, BJP में आए दारा सिंह चौहान, HD कुमारस्वामी का कॉन्ग्रेस पर निशाना (बाएँ से दाएँ)

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक बार फिर से विपक्षी एकता की महफ़िल सजने वाली है। मंगलवार (18 जुलाई, 2023) को सभी विपक्षी दलों की बैठक है, उससे एक दिन पहले डिनर की योजना है। उधर बिहार की ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD)’ के संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि 2024 में नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है, कोई ठोस एजेंडा न लाने पर जनता विपक्ष को भाव नहीं देगी। उधर NCP की टूट के बाद शरद पवार आज की इस बैठक में शामिल नहीं होंगे।

बैठक से पहले कॉन्ग्रेस ने केंद्र सरकार के दिल्ली अध्यादेश के विरोध का ऐलान किया, जिससे खुश होकर AAP ने भी इस बैठक में शामिल होने के लिए हामी भरी है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि यहाँ न तो ‘महा’ है और न ही ‘गठबंधन’, सिर्फ पीएम मोदी को नीचा दिखाने के लिए ये सब हो रहा है। ‘शिवसेना (UBT)’ से उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य इस बैठक में पहुँचेंगे। उसी दिन NDA की भी बैठक है, जिसमें कई छोटे-बड़े दल एकत्रित होंगे।

इस पर निशाना साधते हुए कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकेले सब पर भारी होने की बात कही थी, फिर वो 30 दलों को क्यों जुटा रहे हैं? कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार इस विपक्षी बैठक की मेजबानी करेंगे। कई नेता आज ही बेंगलुरु पहुँच रहे हैं। 23 जून को पहली बैठक पटना में हुई थी। उधर विपक्षी एकता ने नई दरार आई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR के बेटे KTR पर कॉन्ग्रेस ने राहुल गाँधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया।

हालाँकि, कॉन्ग्रेस नेता बालासाहब थोराट का कहना है कि शरद पवार 18 जुलाई की बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में सोनिया गाँधी भी आने वाली हैं। अरविंद केजरीवाल भी आज ही पहुँच रहे हैं। उधर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और JDS नेता एचडी कुमारस्वामी ने भी विपक्षी एकता बैठक को झटका दिया है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस इस बैठक को बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है, लेकिन पार्टी राज्य में किसानों की आत्महत्या को लेकर जरा भी चिंतित नहीं है।

बड़ी बात ये कि उन्होंने इस दौरान भाजपा के साथ जाने से साफ़ इनकार भी नहीं किया। 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन की बात पर उन्होंने कहा कि ऐसा कहना बहुत जल्दबाजी होगी, क्योंकि चुनाव अभी भी 8-9 महीने दूर है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी को ये ग़लतफ़हमी हो गई है कि JDS खत्म हो गई है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में 42 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन अब तक कॉन्ग्रेस सरकार ने एक अपील तक नहीं की है कि किसान ये दर्दनाक कदम न उठाएँ।

उधर मऊ और घोसी में अच्छा-खासा प्रभाव रखने वाले OBC नेता दारा सिंह चौहान सपा का दामन छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए हैं, जिसके बाद अखिलेश यादव को झटका लगा है। प्रदेश मुख्यालय में यूपी भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने कहा कि भारत नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया के सभी देशों को पीछे छोड़ने के लिए तैयार है और वो तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि एक सिपाही के रूप में उनकी घर-वापसी हुई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया