‘बाला साहेब ठाकरे का कहा आज किसी काम का नहीं’: संजय राउत ने ‘मस्जिद की लाउडस्पीकर’ पर शिवसेना संस्थापक को भी ठुकराया

बाल ठाकरे संजय राउत (फोटो साभार: हिंदुस्तान/न्यूज18)

शिवसेना नेता संजय राउत (Shivsena leader Sanjay Raut) ने हाल ही में कहा था कि बाला साहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) की 90 के दशक की राय आज किसी काम की नहीं है। उन्होंने 18 अप्रैल 2022 को TV9 मराठी के साथ एक साक्षात्कार में बोलते हुए ये टिप्पणी की। उन्होंने यह बयान तब दिया, जब राज ठाकरे (Raj Thackeray) की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) द्वारा शिवसेना के हिंदुत्व (Hindutva) मुद्दे को हाईजैक किए जाने के बारे में सवाल पूछा गया।

मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों के खिलाफ राज ठाकरे के हालिया रुख के बारे में एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे ने पहले इस मुद्दे को उठाया था। अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को शिवसेना और महा विकास अघाड़ी सरकार (MVA Government) को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं है। जब उन्होंने ऐसा दावा किया तो टीवी9 मराठी के एंकर ने उन्हें बाला साहेब ठाकरे के 1994 में दिए भाषण की क्लिप दिखाई।

इस भाषण में बाला साहेब ठाकरे ने कहा था, ‘मैं सरपोतदार से कहूँगा कि आपका एक मामला अभी कोर्ट में लंबित है। यही हाल मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाने का है। ये लाउडस्पीकर कब बंद होंगे? कोलकाता हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि पहले इन लाउडस्पीकरों को नीचे उतारो। एक और खतरनाक खबर तब आई जब इन लाउडस्पीकरों को हटाया जा रहा था। मैं उस खबर को पत्रकारों के लिए जरूर बताऊँगा। हमारे महाराष्ट्र राज्य में यह सरकार… इसने अपना खतना करा लिया और फतवा जारी किया है। इस सरकार के फतवे में पूछा गया है कि अगर सरकार मस्जिदों में सभी इमामों को पेंशन देने का फैसला करती है तो संभावित संख्या क्या हो सकती है। और ध्यान से सुनो, मस्जिदों के इमाम, मंदिरों के पुजारी नहीं। इसलिए उन्होंने फतवा के जरिए चैरिटी कमिश्नर से यह सवाल पूछा है। इस सरकार ने चैरिटी कमिश्नर से मस्जिदों में इमामों की कुल संख्या बताने और उन्हें पेंशन देने के लिए कितने बजट की जरूरत होगी, इसके बारे में पूछा है। क्या शरद पवार के पास ज़रा भी शर्म नहीं बची है? तो आप किसके इंतज़ार में हैं। इस बार कॉन्ग्रेस पार्टी को महाराष्ट्र के राजनीतिक स्पेक्ट्रम से खत्म कर दो।”

इसका जवाब देते हुए संजय राउत ने कहा, “मुझे यह वीडियो मत दिखाओ। मैंने उनके साथ लंबे समय तक काम किया है। साल 1994 या 1990 के बाला साहेब ठाकरे की एक बाइट दिखाना आज बेमानी और बेकार है।” जब एंकर ने उन्हें रोका तो राउत ने आगे कहा, “मुझे उनकी कोई बाइट मत दिखाओ। मैंने उनके साथ 35 साल तक काम किया है।”

बता दें कि राज ठाकरे ने अजान विवाद को उठाया है और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए राज्य सरकार को 3 मई 2022 का अल्टीमेटम दिया है, इसलिए शिवसेना से उसके रुख को लेकर सवाल किया जा रहा है। शिवसेना वर्तमान में शरद पवार की राकांपा (NCP) और कॉन्ग्रेस (Congress) के साथ गठबंधन में सरकार चला रही है और बाला साहेब ठाकरे द्वारा स्थापित राजनीतिक आदर्शों से बहुत दूर चली गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया