9 महीनों से वेतन माँग रहे श्रमिकों ने ‘दीदी’ के खिलाफ खोला मोर्चा, बैठक में चली कुर्सियाँ तो भाग निकले मंत्री

अस्थाई मजदूरों का ममता सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन (साभार: newsnationtv)

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी एक ओर जहाँ पार्टी में आंतरिक कलह से जूझ रही हैं तो अब दूसरी ओर श्रमिकों ने भी रुकी हुई सैलरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल पश्चिम बंगाल में प्रदेश सरकार के अंतर्गत काम करने वाले हज़ारों अस्थाई श्रमिक राज्य की सरकार के विरोध में उतर आए हैं।

स्थाई नौकरी सहित पिछले 9 माह से रुके हुए वेतन की माँग करते हुए कर्मचारियों ने ‘नेताजी इनडोर स्टेडियम’ में मंत्रियों के सामने विरोध प्रदर्शन किया, नारे लगाए और कुर्सियाँ ​​फेंकीं। वेतन ना मिलने से गुस्साए श्रमिकों ने वहाँ लगे होर्डिंग्स तक फाड़ डाले।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत हज़ारों ‘अस्थाई श्रमिक’ कार्यरत हैं। उनका आरोप है कि पिछले कुछ समय से उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। नतीजतन आज हज़ारों श्रमिकों ने कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में खूब हंगामा किया। कुछ ही देर में हालात इतने अनियंत्रित हो गए कि ममता सरकार के तमाम मंत्रियों को बैठक छोड़कर ही भागना पड़ गया।  

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राज्य सरकार के अधीन कार्य कर रहे अस्थाई श्रमिकों का कहना है कि SLO (Self Employed Labour Organisers) एसोसिएशन के अस्थाई श्रमिक लॉकडाउन के समय से ही लगातार काम कर रहे हैं। वेतन नहीं मिलने की वजह से वह काफी समय से लगातार माँग उठा रहे थे, लेकिन उनके तमाम प्रयासों के बावजूद कोई नतीजा निकल कर नहीं आया।

इन अस्थाई मजदूरों की माँगों के मुद्दे पर आज (28 दिसंबर 2020) प्रदेश की राजधानी कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में बैठक बुलाई गई थी। बैठक में नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम, श्रम और क़ानून मंत्री मलय घटक, सोवनेब चटर्जी समेत अन्य मंत्री शामिल हुए थे, लेकिन इस बैठक में अस्थाई श्रमिकों की माँगों को लेकर कोई समाधान नहीं निकला

बैठक के किसी नतीजे पर नहीं पहुँचने की वजह से श्रमिकों ने मौके पर ही विरोध करना शुरू कर दिया और फिर मंत्रियों को वहाँ से निकलना पड़ा। ममता सरकार के इस रवैए से गुस्साए श्रमिकों ने जमकर बवाल किया और स्टेडियम के बाहर लगे टीएमसी के पोस्टर भी फाड़ दिए। 

इस घटना की वजह से मौके पर हालात बेकाबू हो गए, जिसके मद्देनज़र भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया। फ़िलहाल अस्थाई श्रमिकों के वेतन के मुद्दे पर ममता सरकार कोई समाधान नहीं निकाल पाई है। ‘बंगाल मिरर’ की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के वरिष्ठ मंत्री शोभन देव चट्टोपाध्याय ने कहा कि श्रम विभाग की लापरवाही के कारण यह हालात बने हैं।

शोभन देव ने इसके लिए राज्य के श्रम विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग के अधिकारियों के कारण ही इन अस्थाई श्रमिकों का डाटा मिट गया, जिस कारण इन लोगों को महीनों से कमीशन का भुगतान नहीं हो रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया