Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीति9 महीनों से वेतन माँग रहे श्रमिकों ने 'दीदी' के खिलाफ खोला मोर्चा, बैठक...

9 महीनों से वेतन माँग रहे श्रमिकों ने ‘दीदी’ के खिलाफ खोला मोर्चा, बैठक में चली कुर्सियाँ तो भाग निकले मंत्री

कार्यक्रम में हंगामा होता देख सभी मंत्री कार्यक्रम से भाग निकले। नाराज अस्थाई श्रमिकों ने स्टेडियम के बाहर लगे ममता के पोस्टर और होर्डिंग्स को फाड़ डाला।

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी एक ओर जहाँ पार्टी में आंतरिक कलह से जूझ रही हैं तो अब दूसरी ओर श्रमिकों ने भी रुकी हुई सैलरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल पश्चिम बंगाल में प्रदेश सरकार के अंतर्गत काम करने वाले हज़ारों अस्थाई श्रमिक राज्य की सरकार के विरोध में उतर आए हैं।

स्थाई नौकरी सहित पिछले 9 माह से रुके हुए वेतन की माँग करते हुए कर्मचारियों ने ‘नेताजी इनडोर स्टेडियम’ में मंत्रियों के सामने विरोध प्रदर्शन किया, नारे लगाए और कुर्सियाँ ​​फेंकीं। वेतन ना मिलने से गुस्साए श्रमिकों ने वहाँ लगे होर्डिंग्स तक फाड़ डाले।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत हज़ारों ‘अस्थाई श्रमिक’ कार्यरत हैं। उनका आरोप है कि पिछले कुछ समय से उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। नतीजतन आज हज़ारों श्रमिकों ने कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में खूब हंगामा किया। कुछ ही देर में हालात इतने अनियंत्रित हो गए कि ममता सरकार के तमाम मंत्रियों को बैठक छोड़कर ही भागना पड़ गया।  

राज्य सरकार के अधीन कार्य कर रहे अस्थाई श्रमिकों का कहना है कि SLO (Self Employed Labour Organisers) एसोसिएशन के अस्थाई श्रमिक लॉकडाउन के समय से ही लगातार काम कर रहे हैं। वेतन नहीं मिलने की वजह से वह काफी समय से लगातार माँग उठा रहे थे, लेकिन उनके तमाम प्रयासों के बावजूद कोई नतीजा निकल कर नहीं आया।

इन अस्थाई मजदूरों की माँगों के मुद्दे पर आज (28 दिसंबर 2020) प्रदेश की राजधानी कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में बैठक बुलाई गई थी। बैठक में नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम, श्रम और क़ानून मंत्री मलय घटक, सोवनेब चटर्जी समेत अन्य मंत्री शामिल हुए थे, लेकिन इस बैठक में अस्थाई श्रमिकों की माँगों को लेकर कोई समाधान नहीं निकला

बैठक के किसी नतीजे पर नहीं पहुँचने की वजह से श्रमिकों ने मौके पर ही विरोध करना शुरू कर दिया और फिर मंत्रियों को वहाँ से निकलना पड़ा। ममता सरकार के इस रवैए से गुस्साए श्रमिकों ने जमकर बवाल किया और स्टेडियम के बाहर लगे टीएमसी के पोस्टर भी फाड़ दिए। 

इस घटना की वजह से मौके पर हालात बेकाबू हो गए, जिसके मद्देनज़र भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया। फ़िलहाल अस्थाई श्रमिकों के वेतन के मुद्दे पर ममता सरकार कोई समाधान नहीं निकाल पाई है। ‘बंगाल मिरर’ की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के वरिष्ठ मंत्री शोभन देव चट्टोपाध्याय ने कहा कि श्रम विभाग की लापरवाही के कारण यह हालात बने हैं।

शोभन देव ने इसके लिए राज्य के श्रम विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग के अधिकारियों के कारण ही इन अस्थाई श्रमिकों का डाटा मिट गया, जिस कारण इन लोगों को महीनों से कमीशन का भुगतान नहीं हो रहा है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe