स्कूल ड्रेस में कमल फूल का लोगो बर्दाश्त नहीं: TMC नेताओं ने मचाया हल्ला-हंगामा, प्रशासन ने लिया हटाने का फैसला

कमल का खौफ!

पश्चिम बंगाल के एक स्कूल की यूनिफॉर्म पर कमल फूल का लोगो होने के कारण विवाद हो गया। टीएमसी नेताओं ने इस लोगो को यूनिफॉर्म से हटाने के लिए स्कूल के गेट पर जमकर प्रदर्शन किया। विरोध का स्तर इस बीच इतना बढ़ गया कि स्कूल प्रशासन ने कमल के लोगो को अपने स्कूल की ड्रेस से हटाने का फैसला ले लिया।

https://twitter.com/ANI/status/1229814051246444545?ref_src=twsrc%5Etfw

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले पर जानकारी देते हुए टीचर इंचार्ज बिजली दास ने बताया कि वे पिछले 11-12 सालों से इस लोगो का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि कमल राष्ट्रीय फूल है। लेकिन अब जब कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने इसे यूनिफॉर्म से हटाने का फैसला किया है। उनके मुताबिक वे अब अपने स्कूल की ड्रेस पर सर्व शिक्षा मिशन के लोगो का इस्तेमाल करेंगे।

https://twitter.com/ANI/status/1229814135010971650?ref_src=twsrc%5Etfw

टीचर इंचार्ज के मुताबिक, जिन लोगों ने यूनिफॉर्म पर कमल फूल देखकर विरोध किया, उनमें तृणमूल कॉन्ग्रेस के काउंसलर भी शामिल हैं। स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता ने कमल के लोगो पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।

गौरतलब है कि राज्य में इस मामले को आधार बनाकर राजनीति शुरू हो गई है। तृणमूल की सरकार ने इसे भाजपा की चाल बताते हुए स्कूल संचालन समिति के साथ मिलकर अपना प्रचार-प्रसार करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर भाजपा ने तृणमूल के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

वहीं, विरोध करने वालों में से एक, रेखा सेनगुप्ता का इस मामले पर कहना है कि शिक्षा क्षेत्र राजनीति से मुक्त होना चाहिए। यह राजनीति करने की जगह नहीं है। उनके मुताबिक, हाल ही में उन्होंने यूनिफॉर्म पर कमल का लोगो देखा। बीजेपी का प्रतीक कमल है। इसलिए इसे तुरंत यूनिफॉर्म से हटा दिया जाना चाहिए।

जानकारी के लिए बता दें नियमों के अनुसार, स्कूल यूनिफॉर्म में मोटो होता है और स्कूल इसके बगल में अपने स्वयं के लोगो का उपयोग करने का हकदार है। शर्त ये होती है कि लोगो को पंजीकृत किया जाना चाहिए और इसका उपयोग केवल ड्रेस पर नहीं बल्कि अन्य संबंधित सामग्री पर भी किया जाना चाहिए। लेकिन विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि स्कूल ने कमल के लोगो का उपयोग केवल यूनिफॉर्म पर किया। हालाँकि, आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल प्रिंसिपल ने गलती को स्वीकार किया है और इसे बदलने का फैसला किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया