मुसलमान कर रहे ज्यादा गर्भनिरोधक इस्तेमाल, बच्चे पैदा करने का ताल्लुक अल्लाह से: बात जनसंख्या नियंत्रण की, बातें मजहबी कर रहे सांसद

बात जनसंख्या नियंत्रण की, बातें मजहबी कर रहे सांसद रहमान बर्क और ओवैसी

विवादित छवि वाले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अपने बेतुके बयान के कारण फिर से विवादों में हैं। इस बार उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के जनसंख्या नियंत्रण कानून लाए जाने पर कहा, “औलाद पैदा करने का ताल्लुक इंसान से नहीं बल्कि अल्लाह ताला से है। अल्लाह जो बच्चा पैदा करता है, उसका रिज़क यानी की आगे का इंतजाम उसके साथ भेजता है।” उन्होंने योगी सरकार को नसीहत देते हुए कहा, “जनसंख्या कानून लाने के बजाए तालीम पर जोर देना चाहिए और हर छोटे बड़े इंसान के लिए सरकार को पूरी व्यवस्था करनी चाहिए।”

यही नहीं शफीकुर्रहमान (Shafiqur Rahman Burke) ने आगे कहा हर किसी के लिए इसका बंदोबस्त करे तो मैं समझता हूँ कि तालीम उसे मिल जाएगी और जनसंख्या का मसला खुद-ब-खुद हल हो जाएगा। भाजपा राजनैतिक फायदा उठाने के लिए जनसंख्या का मुद्दा उछाल रही है। सपा सांसद ने यह भी कहा कि देश भर में बेरोजगारी और गुरबत छाई हुई है और 2024 का लोकसभा चुनाव सिर पर है। इसलिए वोट लेने के लिए भाजपा लोगों के नजरिए को बदलना चाहती है।

वहीं जनसंख्या को लेकर CM योगी के बयान पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि क्या मुसलमान भारत के मूल निवासी नहीं हैं? यदि हम हकीकत में देखें तो मूल निवासी केवल आदिवासी और द्रविड़ लोग हैं। उन्होंने कहा कि बिना किसी कानून के उत्तर प्रदेश में 2026 से 2030 तक वांछित प्रजनन दर हासिल की जाएगी।

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, ओवैसी ने कहा, “उनके अपने ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए देश में किसी कानून की जरूरत नहीं है। ज्यादातर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल मुसलमान ही कर रहे हैं। 2016 में कुल प्रजनन दर 2.6 थी जो अब 2.3 है। देश का जनसांख्यिकीय लाभांश (डेमोग्राफिक डिविडेंड) सभी देशों से सबसे अच्छा है।”

गौरतलब है कि सोमवार (11 जुलाई, 2022) को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जाहिर की थी। सीएम योगी आदित्यनाथ कहा था, “ऐसा न हो कि किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड ज्यादा हो और जो मूल निवासी हों, उनकी आबादी को जागरूकता के प्रयासों से नियंत्रित कर दिया जाए।”

सीएम योगी ने यह भी कहा था, “जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है। वहाँ असंतुलन चिंता का विषय है, क्योंकि रिलीजियस डेमोग्राफी पर उल्टा असर पड़ता है। एक समय के बाद वहाँ अव्यवस्था और अराजकता जन्म लेने लगती है।”

उन्होंने कहा, “मानव को 100 करोड़ तक होने में लाखों साल लगे, लेकिन 100 से 500 करोड़ होने में 183-185 साल ही लगे। इस साल के अंत तक विश्व की आबादी 800 करोड़ होने की संभावना है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया