‘पश्चिम बंगाल लोकतंत्र के लिए गैस चैम्बर, खतरे में हिंदू’: BJP नेता सुवेंदु अधिकारी ने TMC के शेख सूफियान को हिंसा के लिए ठहराया जिम्मेदार

सुवेंदु अधिकारी बोले-टीएमसी के शेख सूफियान ने पश्चिम बंगाल में की चुनाव बाद हिंसा।

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा (West Bengal Post Poll violence) के लिए भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने गुरुवार (10 फरवरी 2022) को टीएमसी के नेता शेख सूफियान को पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा के लिए दोषी ठहराया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को खतरे में बताते हुए कहा कि ममता बनर्जी के शासनकाल में राज्य के हालात जम्मू-कश्मीर से भी बदतर हो गए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई को सुवेंदु ने बताया कि टीएमसी ने निकाय चुनावों में “हेरफेर” करने के लिए पश्चिम बंगाल में “लोकतंत्र के लिए गैस चैंबर” जैसा माहौल बनाया है। उन्होंने कहा कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी के पोलिंग एजेंट शेख सूफियान ने ही सारा अपराध किया है।

राज्य चुनाव आयोग के साथ बैठक में सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में हम राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) से मिले थे। टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में ‘लोकतंत्र के लिए गैस चैंबर’ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। हमने राज्य चुनाव आयोग को प्रदेश में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) को तैनात करने की सलाह दी है।”

पश्चिम बंगाल में हिंदू खतरे में: सुवेंदु अधिकारी

भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के बाद की हिंसा के चलते अब तक एक लाख से अधिक हिंदुओं ने राज्य छोड़ दिया है। पश्चिम बंगाल के हालात जम्मू-कश्मीर से भी बदतर हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, “टीएमसी का शेख सूफियान राज्य में चुनाव बाद की हिंसा के लिए जिम्मेदार है, उसी ने महिलाओं पर भी अत्याचार किए। बंगाल में जम्मू-कश्मीर से बुरे हालात हैं। हिंदू खतरे में हैं। हिंसा के कारण 1 लाख से अधिक हिंदू राज्य छोड़ चुके हैं। प्रदेश में घुसपैठिए घुस आए हैं, जो राज्य की जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिशें कर रहे हैं।”

बता दें कि टीएमसी नेता शेख सूफियान ही भाजपा कार्यकर्ता देवव्रत मैती की हत्या का आरोपित भी है। नंदीग्राम में 3 मई 2021 को मैती पर जानलेवा हमला किया गया था। बाद में 13 मई को उनकी मौत हो गई थी।

बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम नंदीग्राम के दौरे पर गई औऱ वहाँ उसने टीएमसी कार्यकर्ताओं व सूफियान के खिलाफ सबूत इकट्ठे किए। 31 अगस्त को सीबीआई ने मैती की हत्या के मामले में आरोप तय किया और तीन दिन बाद उसके परिवार का भी बयान दर्ज किया। बाद में सुफियान और दो अन्य लोगों को सीबीआई के सामने गवाही के लिए भी बुलाया गया था।

उल्लेखनीय है कि नंदीग्राम सीट से बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी ने ही ममता बनर्जी को हराया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया