‘संपूर्ण जैव जगत में ईश्वर को देखता है हिन्दू, करता है विश्व के कल्याण की कामना’: जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर ने राहुल गाँधी को पढ़ाया धर्म का पाठ, कहा – माफ़ी माँगो

संसद में राहुल गाँधी ने हिन्दुओं को बताया हिंसक, स्वामी अवधेशानंद गिरी ने दिया करारा जवाब

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए पूरे हिन्दू समाज को हिंसक बता दिया। इस दौरान उन्होंने हिन्दू देवी-देवताओं के ‘अभय मुद्रा’ को इस्लाम और कॉन्ग्रेस पार्टी के चुनाव चिह्न से जोड़ा। अब साधु-संतों ने उनके इस रवैये का विरोध शुरू कर दिया है। स्वामी अवेधशानंद गिरी महाराज ने उन्हें हिन्दू दर्शन का पाठ पढ़ाया है। राहुल गाँधी के भाषण के इन हिस्सों को संसद की कार्यवाही के रिकॉर्ड्स से भी हटा दिया गया है।

स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि हिन्दू संपूर्ण जैव जगत से प्रेम करता है, सबमें ईश्वर को देखता है। उन्होंने कहा कि हिन्दू अहिंसक है, समन्वयवादी है और सहिष्णु है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिन्दू समाज संपूर्ण विश्व को अपना परिवार मानता है और सबके कल्याण की कामना करता है। संत ने कहा कि निरंतर पूरे विश्व के सुख-सम्मान की कामना करना अपना धर्म समझता है। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को हिंसक और घृणा फैलाने वाला कहना ठीक नहीं है।

स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा, “इस प्रकार की बातें कह कर आप पूरे समाज को लांछित और अपमानित कर रहे हैं। हिन्दू समाज अत्यंत उदार है और वो सबका सम्मान करता है। वह सभी जातियों, पंथों, और धर्मों का सम्मान करता है। हमारे लिए सभी प्राणी आदरणीय हैं, हम सबमें ईश्वर को देखते हैं। राहुल गाँधी द्वारा हिन्दुओं को हिंसक और मिथ्या बोलने वाला बताना गलत है, मैं इसकी निंदा करता हूँ, भर्त्सना करता हूँ। राहुल गाँधी विपक्ष के नेता हैं, इसीलिए उन्हें इन शब्दों को वापस लेना चाहिए।”

बता दें कि स्वामी अवधेशानंद गिरी न सिर्फ संत, बल्कि लेखक एवं दार्शनिक भी हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित खुर्जा में जन्मे अवधेशानंद गिरी ने मात्र 17 वर्ष की उम्र में संन्यास ले लिया था। फ़िलहाल वो दशनामी संप्रदाय के जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हैं। वो पिछले 26 वर्षों से इस पद पर हैं। साथ ही वो ‘अमरनाथ श्राइन बोर्ड’ के सदस्य भी हैं। वो हरिद्वार स्थित ‘समन्वय सेवा ट्रस्ट’ का संचालन करते हैं, जो वहाँ स्थित ‘भारत माता मंदिर’ का भी प्रबंधन करता है।

संयुक्त राष्ट्र में भी उद्बोधन दे चुके अवधेशानंद गिरी ने अब राहुल गाँधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा है कि इससे हिन्दू समाज को ठेस पहुँची है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी ने अत्यंत कोमल और करुणामयी संवेदनाओं पर आधारित मान्यताओं पर प्रहार किया है, जिसके लिए उन्हें क्षमा माँगनी चाहिए। राहुल गाँधी ने संसद में भगवान शिव की भी तस्वीर लहराई और दावा किया कि वो त्रिशूल का उपयोग नहीं करते, उसे जमीन में गाड़ देते हैं। ‘अभय मुद्रा’ को इस्लाम से जोड़ने के कारण इस्लामी विद्वान भी उनसे नाराज़ हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया