इफ्तार पार्टी, पिटाई, इस्तीफा, माँ… लालू के परिवार में क्या चल रहा है, क्या अबकी बार अपने ही ‘अर्जुन’ का लालटेन बुझा देंगे स्वयंभू ‘कृष्ण’

अबकी राजद के लालटेन की बत्ती बुझा देंगे तेज प्रताप यादव? (फाइल फोटो, साभार: HT)

बिहार में डेढ़ दशक शासन कर लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने जंगलराज की ख्याति अर्जित की थी। 2005 में बीजेपी नीत एनडीए की सरकार बनने के बाद इस जंगलराज का तो सफाया होगा, लेकिन इसकी प्रवर्तक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर कब्जे को लेकर लालू प्रसाद यादव के कुनबे की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। औपचारिक तौर पर लालू पार्टी अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हवाले कर चुके हैं। लेकिन, सांसद बेटी मीसा भारती हो या फिर विधायक बेटे तेजप्रताप यादव वे भी पारिवारिक पार्टी पर कब्जे को लेकर समय-समय पर प्रयासरत रहते हैं। कभी पर्दे के पीछे से तो कभी खुलकर।

इसी कड़ी में तेज प्रताप यादव ने सोमवार (25 अप्रैल 2022) को ट्विटर पर धमाका किया। उन्होंने लिखा, “मैंने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलने का काम किया। सभी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया। जल्द अपने पिता से मिलकर अपना इस्तीफा दूँगा।” ट्वीट में उन्होंने पिता लालू यादव, माँ राबड़ी देवी, भाई तेजस्वी यादव और बहन मीसा भारती को भी टैग किया है।

इस्तीफे के ऐलान कुछ देर बाद उन्होंने फेसबुक पर माँ राबड़ी देवी के साथ एक तस्वीर साझा की। तस्वीर में माँ (राबड़ी देवी) प्यार से उनके (तेज प्रताप) सिर को सहलाती दिख रही हैं। माना जा रहा है कि तेज प्रताप ने इस तस्वीर से यह संकेत देने की कोशिश की है कि इस पारिवारिक झगड़े में माँ उनके साथ है। हालाँकि, अभी तक राबड़ी, लालू या तेजस्वी का रुख इस पर सामने नहीं आया है।

तेज प्रताप ने फेसबुक पर शेयर किया राबड़ी देवी के साथ फोटो (साभार: Tej Pratap Yadav Facebook)

फेसबुक पेज एक नेता का किया वीडियो शेयर

तेज प्रताप यादव ने सोमवार आधी रात के बाद अपने फेसबुक पेज पर छात्र संगठन जनशक्ति परिषद के एक नेता का वीडियो भी शेयर किया। शेयर किए गए वीडियो में कहा गया है कि जो लोग परिवार में फूट डालना चाहते हैं, उन्होंने रामराज को स्क्रिप्ट लिखकर दी है और उन्हीं के इशारे पर सब कुछ हो रहा है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का नाम लेते हुए एक बार फिर उन पर ठीकड़ा फोड़ा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि लालू और तेजस्वी यादव को गाली देने का आरोप गलत है। तेज प्रताप ने अपने पिता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव का पैर धोकर पिया है। ऐसा पुत्र इस युग में होना मुश्किल है और बड़े भाई होने की वजह से विरासत के पहले हकदार होते हुए भी उन्होंने अपने छोटे भाई को मुख्यमंत्री का दावेदार बनाया। तो ये एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है, जो कि फ्लॉप है।

बता दें कि तेज प्रताप के इस्तीफे वाले ट्वीट से पहले राजद के पटना महानगर अध्यक्ष रामराज यादव ने आरोप लगाया था कि 22 अप्रैल 2022 को राबड़ी देवी के आवास पर हुई इफ्तार पार्टी के दौरान उन्हें कमरे में बंद कर बुरी तरह से पीटा गया। रामराज यादव का कहना था कि वे तेजस्वी यादव का समर्थन करते हैं, इसलिए तेज प्रताप यादव ने उन्हें नंगा कर पीटा। उनका दावा था कि तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को भद्दी-भद्दी गालियाँ भी दी। हालाँकि, तेज प्रताप रामराज के आरोपों को नकारते हुए दावा किया था कि ये सब जगदानंद सिंह और सुनील सिंह के इशारे पर किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को तेज प्रताप को इफ्तार पार्टी में छोटे भाई तेजस्वी यादव, माँ राबड़ी देवी और सीएम नीतीश कुमार के साथ बैठे देखा गया था। इस पार्टी के बाद तेज प्रताप ने मीडिया से बातचीत में कहा था, “नीतीश कुमार और हमारे बीच जो बातचीत हुई, वो सीक्रेट है। समय आने पर बताएँगे। लेकिन, सरकार हमारी ही बनेगी। बिहार में खेला होगा।”

गौरतलब है कि सार्वजनिक मंचों से छोटे भाई तेजस्वी को ‘अर्जुन’ और खुद को ‘कृष्ण’ बताने वाले तेज प्रताप के बीच यह अदावत तब से ही चल रही है, जब महागठबंधन सरकार में तेजस्वी को उप मुख्यमंत्री और तेज प्रताप को केवल मंत्री बनाया गया था। ज्यादातर मौके पर इसे लड़ाई के एक केंद्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी रहे हैं। जाहिर है कि यह लड़ाई नहीं है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि स्वयंभू कृष्ण इस बार अपने अर्जुन और जंगलराज वाली उनकी पार्टी के सदा-सदा के लिए साथ छोड़ देंगे या फिर इस फैमिली ड्रामे का अंत उसी तरह होगा जैसे खौलते दूध का बुलबुला आखिर में दूध में ही मिल जाता है।