कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में भी मुस्लिम कोटा खत्म करेगी बीजेपी, अमित शाह ने किया वादा: कहा- सरकार बनी तो ईदगाह में स्वतंत्रता दिवस मनाएँगे

तेलंगाना में अमित शाह

कर्नाटक के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार (23 अप्रैल 2023) को तेलंगाना में वादा किया है कि अगर उनकी सरकार राज्य में आई तो ‘मुस्लिम कोटा’ खत्म होगा। उन्होंने बीआरएस सरकार द्वारा राज्य में लागू किए गए ऐसे आरक्षणों को ‘असंवैधानिक’ बताया। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा राज्य में आई तो ईदगाह में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा

उन्होंने चेवेल्ला में रैली संबोधित करते हुए कहा, “हम शैक्षणिक संस्थानों से मुस्लिम आरक्षण खत्म करेंगे। ये आरक्षण दलित, जनजातीय और पिछड़े वर्गों का है। हम सुनिश्चित करेंगे कि इसका फायदा उनको ही हो।” शाह ने ये ऐलान उस समय में किया है जब तेलंगाना की केसीआर सरकार मुस्लिम कोटा 4% से बढ़ाकर 12 % तक पहुँच चुकी है।

इस दौरान अमित शाह ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को चेतावनी देते हुए कहा कि बीजेपी अब तब तक नहीं रुकेगी जब तक कि बीआरएस को सत्ता से बाहर नहीं कर देगी। गृहमंत्री ने कहा कि टीआरएस ने जो अपना नाम बदलकर बीआरएस किया है वो भी गहरे भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने का एक प्रयास था।

उन्होंने केसीआर की चुटकी लेते हुए कहा कि फिलहाल प्रधानमंत्री का पद खाली नहीं है। इसलिए वो सपने न देंखे। उन्होंने कहा कि अगर तेलंगाना में भाजपा आई तो फिर ईदगाह मैदान में धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने ओवैसी और केसीआर पर निशाना साध कहा कि केसीआर ने अपनी केसीआर की पार्टी की स्टीयरिंग ओवैसी को दे रखी है। उसी के कारण वो तेलंगाना के स्वतंत्रता दिवस को भी नहीं मनाते।

कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण खत्म

बता दें कि इससे पहले पिछले महीने भाजपा सरकार ने कर्नाटक में मुस्लिमों के 4% कोटे को खत्म किया था और इसे 2-2% लेकर लिंगायत-वोक्कालिगा समुदाय का रिजर्वेशन बढ़ाया था। इस पर अमित शाह ने पिछले दिनों इंडिया टुडे के राउंड टेबल कार्यक्रम में बात की थी।

उन्होंने कहा था कि भाजपा के पास विजन है और उसने कर्नाटक को आगे ले जाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य में असंवैधानिक व्यवस्था समाप्त करने और हकदार को हक देने का काम किया है।

अमित शाह ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने असंवैधानिक रूप से राज्य में चार प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण को लागू किया था। उन्होंने कहा कि इसे लागू करने के लिए कॉन्ग्रेस संविधान के खिलाफ चली गई थी। इसे भाजपा सरकार ने खत्म कर अन्य समुदायों का आरक्षण बढ़ाया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया