‘राकेश टिकैत के आंदोलन को कॉन्ग्रेस की फंडिंग, बल प्रयोग कर के हटाए जाएँ प्रदर्शनकारी’: किसान नेता का बड़ा खुलासा

राकेश टिकैत के 'किसान आंदोलन' के पीछे कॉन्ग्रेस की फंडिंग? (फाइल फोटो)

BKU (भानु) के अध्यक्ष और वरिष्ठ किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है कि राकेश टिकैत कॉन्ग्रेस की फंडिंग से अपना आंदोलन चला रहे हैं। ‘भारतीय किसान यूनियन (भानु)’ के अध्यक्ष ने कहा कि राकेश टिकैत फंडिंग के ऊपर ही काम करते हैं। बता दें कि पिछले 1 साल से चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के दौरान दिल्ली की सीमाओं को जाम कर के रखा गया, जिससे आम लोगों को खासी परेशानी हुई। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की।

हालाँकि, इन सबके बावजूद ये आंदोलन रुकने का नाम नहीं ले रहा है और BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रोज नए मुद्दे लेकर आ रहे हैं। ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस पार्टी चाहती ही नहीं है कि ये ‘किसान आंदोलन’ ख़त्म हो, तभी तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बावजूद दिल्ली की सीमाएँ खाली नहीं की जा रही हैं। उन्होंने माँग की कि अगर प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बल प्रयोग करने की ज़रूरत पड़े तो ऐसा किया जाना चाहिए।

इससे पहले ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत को ‘आतंकवादी’ भी करार दिया था। 26 जनवरी, 2021 को ट्रैक्टर रैली के नाम पर जिस तरह से दिल्ली में हिंसा हुई और कट्टरवादी सिख संगठनों के साथ मिल कर प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिसकर्मियों को घायल कर के लाल किला पर झंडा फहराया, उसके बाद से ही खुद को इस आंदोलन से अलग कर भानु प्रताप इस पर हमलावर हैं। अब राकेश टिकैत 700 मृतक किसानों की बात कर उनके लिए मुआवजा और MSP की गारंटी पर कानून की माँग कर रहे हैं।

राकेश टिकैत ने इसके लिए 5 सदस्यीय समिति के गठन का भी ऐलान किया है, जो केंद्र सरकार से बातचीत करेगी। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की इस समिति में बलबीर सिंह राजेवाल, शिव कुमार कक्का, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह और अशोक धवले शामिल हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र से बातचीत के लिए ये ‘आधिकारिक कमिटी’ है। SKM की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से किसानों की बातचीत बेनतीजा रही।

कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि राकेश टिकैत अब बैंकों के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन करने के मूड में हैं। बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बोलते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया था। उन्होंने ट्वीट कर संकेत दिया था कि वह अब नए मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरने वाले हैं। उन्होंने लिखा था, “हमने आंदोलन की शुरुआत में आगाह किया था कि अगला नंबर बैंकों का होगा। नतीजा देखिए, 6 दिसंबर को संसद में सरकारी बैंकों के निजीकरण का बिल पेश होने जा रहा है। निजीकरण के खिलाफ देश भर में साझा आंदोलन की जरूरत है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया