सांसदी खत्म होते ही ‘मुस्लिम मुस्लिम’ चिल्लाई महुआ मोइत्रा, पैसे लेकर अडानी के खिलाफ करती थी सवाल: एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद एक्शन

TMC सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द की गई

संसद में प्रश्न पूछने के बदले नकदी और महँगे-महँगे तोहफे लेने की आरोपित महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता चली गई है। जाँच के बाद एथिक्स कमिटी ने उनके खिलाफ रिपोर्ट लोकसभा की टेबल पर पेश की थी। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें संसद से निकालने का फैसला सुनाया। महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से 2019 में TMC (तृणमूल कॉन्ग्रेस) के टिकट पर सांसद बनी थीं। अब संसद ने उन्हें ‘कैश फॉर क्वेरी’ घोटाले का दोषी माना है।

इस फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए महुआ मोइत्रा भड़क गईं। उन्होंने दावा किया कि कहीं किसी भी प्रकार के कैश या गिफ्ट लेने का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ इस आधार पर निकाला गया है कि उन्होंने संसद की अपनी लॉगिन आईडी-पासवर्ड शेयर किया जबकि संसद में इस संबंध में कोई नियम-कानून नहीं है। उन्होंने संसद को ‘कंगारू कोर्ट’ बताते हुए कहा कि ये दिखाता है कि मोदी सरकार के लिए अडानी कितने महत्वपूर्ण हैं, एक महिला सांसद की आवाज़ दबाई जा रही है।

उन्होंने इस दौरान कथित कोयले घोटाले का जिक्र करते हुए गौतम अडानी को घेरा और आरोप लगाया कि वो सभी पोर्ट्स को खरीद रहे हैं और इसके लिए उन्हें क्लियरेंस भी मिल रहा है। इस दौरान उन्होंने रमेश बिधूड़ी द्वारा दानिश अली पर टिप्पणी का मामला भी उठाया और कहा कि भाजपा ने एक भी मुस्लिम को संसद में नहीं भेजा है। महुआ मोइत्रा ने भाजपा पर अल्पसंख्यकों और महिलाओं का विरोधी बताते हुए कहा कि उनकी उम्र 49 साल है और अगले 30 वर्षों तक वो भाजपा के साथ लड़ाई लड़ेंगी।

संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म किए जाने का प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया। उससे पहले एथिक्स कमिटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने लोकसभा में रिपोर्ट टेबल की। कॉन्ग्रेस और TMC के सदस्यों ने इस रिपोर्ट की कॉपी पढ़ने के लिए हंगामा भी किया। इससे पहले तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर माँग की थी कि वो रिपोर्ट पढ़ने के लिए संससदों को 48 घंटे का समय दें।

संसद सदस्यता खत्म किए जाने के दौरान बताया गया कि महुआ मोइत्रा ने न सिर्फ संसद का अपमान किया है, बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया है। उन्हें विशेषाधिकार हनन और अनैतिक कृत्य का दोषी भी पाया गया। वहीं कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार जल्दबाजी कर रही है। वहीं महुआ मोइत्रा का कहना है कि उन्हें झुकाने के लिए हर नियम तोड़ दिया गया। इस पूरे मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे खासे मुखर रहे थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा ने बुरा आचरण किया है, जिसके लिए उन्हें कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए। उनकी करतूतों को गंभीर रूप से आपत्तिजनक, अनैतिक और घृणास्पद और आपराधिक माना गया है। साथ ही भारत सरकार से अनुरोध किया गया है कि वो एक समयसीमा तय कर के उनके खिलाफ जाँच पूरी करवाए। महुआ मोइत्रा के पूर्व पार्टनर देहाद्राई ने बताया था कि कैसे कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारों पर महुआ मोइत्रा ने संसद में अडानी समूह को निशाना बनाया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया