कंटेनर में छिपाकर कॉन्ग्रेस सांसद के ठिकाने पर उतारा गया राहुल गाँधी के लिए आया ट्रैक्टर, दिल्ली पुलिस को भी दिया गया झाँसा

ट्रैक्टर रैली निकालते हुए राहुल गाँधी

दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर लेकर उतरे राहुल गाँधी ने कल सबको हैरान किया। वहीं दिल्ली पुलिस ने इसे सुरक्षा का बड़ा उल्लंघन करार देते हुए मामले में जाँच शुरू की। कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वायनाड से सांसद राहुल गाँधी संसद के पास ट्रैक्टर चलाकर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे और कथित किसान आंदोलनकारियों के साथ एकजुटता दिखा रहे थे। हालाँकि, विरोध के बावजूद उन्हें उनका ट्रैक्टर अंदर (संसद परिसर) ले जाने की अनुमति नहीं मिली क्योंकि वहाँ सिर्फ वैध पास वाले वाहनों को एंट्री मिलती है।

अब दिल्ली पुलिस ने इस पूरे मामले में अपनी शुरुआती जाँच के बाद यह पाया है कि राहुल गाँधी जिस ट्रैक्टर पर सवार होकर नई दिल्ली जा रहे थे, उसे लाने के लिए एक कंटेनर का इस्तेमाल किया गया था, क्योंकि कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को पता था कि नई दिल्ली में पुलिस अलर्ट है और सदन के भीतर और आसपास विभिन्न स्थानों पर जगह-जगह पुलिस तैनात है।

पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि कैसे कॉन्ग्रेस नेता ने कंटेनर को एक जगह रोके जाने पर पुलिस को बरगलाया। पुलिस का कहना है कि उन्होंने उस कंटेनर को रोका था जिसमें ट्रैक्टर था, लेकिन उनके सामने कॉन्ग्रेस के एक सांसद का पत्र दिखा दिया गया जिसमें लिखा था कि कंटेनर में संसद की सामग्री है। दिल्ली पुलिस ने आगे बताया कि संसद से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर मोती लाल नेहरू मार्ग पर स्थित कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी के कार्यालय में ट्रैक्टर को चोरी-छिपे उतारा गया था। इमारत के अंदर ट्रैक्टर में जरूरी बदलाव किए गए और होर्डिंग लगाई गई।

यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि सेंट्रल दिल्ली में ट्रैक्टरों का प्रवेश फिलहाल के लिए निषेध है। खासकर लुटियंस जोन में। ये रोक पिछले साल सितंबर से ही लगी हुई है जब पंजाब युवा कॉन्ग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा इंडिया गेट पर ट्रैक्टर में आग लगा दी गई थी। एक पुलिस अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बहुत मना करने के बावजूद कॉन्ग्रेस सदस्यों ने ट्रैक्टर को संसद क्षेत्र में घुसा दिया था।

पुलिस ने बताया कि ट्रैक्टर मोतीलाल नेहरू मार्ग-सुनेहरी बाग चौराहे से लाया जा रहा था। उसके बाद पुलिस ने ट्रैक्टर को मोतीलाल नेहरू मार्ग पर रोका, उसे रफी ​​मार्ग लाया गया और रेल भवन चौराहे से रेड क्रॉस रोड होते हुए संसद भवन ले जाया गया। पुलिस का कहना है कि राहुल गाँधी के नेतृत्व में निकाली गई यह रैली सीआरपीसी धारा 144 का उल्लंघन है। संसद का सत्र चल रहा है। पुलिस या किसी खुफिया एजेंसी को इस रैली की जानकारी नहीं थी और न ही स्थानीय पुलिस से इसके लिए परमिशन ली गई थी।

इस रैली में राहुल गाँधी के साथ रणदीप सुरजेवाला, रवनीत सिंह बिट्टू, दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल थे। पुलिस ने इस तरह सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होता देख सुरजेवाला और यूथ कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष बीएस श्रीनिवास और अन्य लोगों को हिरासत में लिया। राहुल गाँधी को छोड़ा गया क्योंकि वह संसद में चल रहे सत्र में शामिल होने जा रहे थे। बताया जा रहा है कि इस तरह मानसून सत्र को लगातार डिस्टर्ब करने के लिए पीएम मोदी ने अपने सांसदों से जनता और मीडिया के सामने इन्हें उजागर करने को कहा है। सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों से कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी जानबूझकर संसद को परेशान कर रही है। वे न तो बहस में रुचि रखते हैं और न ही संसद को सुचारू रूप से चलने दे रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया