देश की राजनीति में श्रीराम को अपना बताने की होड़ सी मची है। इसके अलावा सपा और बसपा ने राज्य में परशुराम की मूर्ति लगवाने का भी ऐलान किया था। इस मुद्दे पर अभी तक राजनीति बयानबाज़ी जारी है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि भगवान श्रीराम के सभी अवतार हमारे हैं। भारतीय जनता पार्टी को इस बात से क्या परेशानी है। इसके बाद उन्होंने भाजपा की कार्यप्रणाली पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए।
रविवार (16 अगस्त 2020) को लखनऊ एक्सप्रेस वे से सैफई जाते हुए अखिलेश यादव ठठिया मंडी के पास रुके। वहाँ उनसे परशुराम की मूर्ति पर राजनीति होने से संबंधित सवाल किया गया। जिस पर अखिलेश यादव ने कहा, “भगवान विष्णु हमारे, भगवान राम हमारे और भगवान कृष्ण हमारे। विष्णु भगवान के सभी अवतार हम सभी के हैं इससे भाजपा को कैसी परेशानी हो सकती है? हम तो नवरात्र में देवियों की पूजा करते हैं, क्या देवियाँ भी भारतीय जनता पार्टी की हैं?” इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा प्रदेश में बढ़ते अपराध की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बस राम के नाम पर राजनीति की जा रही है।
https://twitter.com/cameraman_r/status/1294914025357053952?ref_src=twsrc%5Etfwउन्होंने उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन की आलोचना करते हुए कहा यहाँ सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि विधायक भी सुरक्षित नहीं हैं। इस तरह के हालत ठोक दो नीति के कारण हो रहा है। अलीगढ़ के विधायक कांड से जुड़े सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा जब मुख्यमंत्री सदन के भीतर कहेंगे “ठोक दो” तब ऐसे हालत बनना स्वाभाविक है। पुलिस को नहीं पता है किसे ठोकना है और न ही विधायक को पता है किसे ठोकना है? आखिर यह सब सिखा कौन रहा है? उनके ही विधायक परेशान हैं और उन्हें ही अपमानित होना पड़ रहा है। सरकार का प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है।
दरअसल हाल ही में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी दोनों ने राज्य में परशुराम की मूर्ति बनवाने का ऐलान किया था। सपा ने वादा किया था कि वो भगवान परशुराम की 108 फीट ऊँची प्रतिमा का निर्माण करवाएगी। इसके लिए जगह ढूँढने की बात भी कही जा रही है। बताया गया है कि प्रतिमा बनवाने के लिए समाजवादी पार्टी देश के लोकप्रिय मूर्तिकार अर्जुन प्रजापति और लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में लगी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भव्य मूर्ति बनाने वाले राजकुमार के संपर्क में है। इतना ही नहीं, सपा हर जिले में भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाने और ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित कराने की योजना बना रही है।
इसके पहले मायावती ने भी उत्तर प्रदेश में परशुराम की मूर्ति लगवाने की बात कही थी। पार्टी की मुखिया मायावती ने तो यहाँ तक कहा था कि वह सपा से भी ऊँची परशुराम की प्रतिमा लगवाएँगी। उन्होंने भगवान परशुराम के नाम पर अस्पताल बनवाने से लेकर साधु-संतों के ठहरने के लिए स्थल बनाने तक की बात कही।
उन्होंने दावा किया कि ब्राह्मण समाज को बसपा ने पूरा प्रतिनिधित्व दिया है और ब्राह्मणों का बसपा पर पूरा विश्वास है। मायावती का पूरा जोर इस बात पर है कि वो ब्राह्मण हितों की रक्षा के मामले में सपा से ऊपर हैं। उन्होंने सपा से पूछा कि जब वो सत्ता में थी तब उसने परशुराम की मूर्ति क्यों नहीं लगवाई?