नारदा स्टिंग टेप मामले में अपने चार नेताओं को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) बौखला गई है। पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के लिए असभ्य भाषा का प्रयोग किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अब CBI की कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने राज्य सरकार से सलाह लिए बिना ही बदले की भावना से कार्रवाई की अनुमति दी।
कल्याण बनर्जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कोविड-19 आपदा काल में पुलिस बिना किसी जरूरत के किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकती या हिरासत में नहीं ले सकती। उन्होंने कहा कि इस आदेश के बावजूद 4 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दो मंत्री और दो पूर्व मंत्री हैं। उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ‘रक्तपिपासु’ करार देते हुए कहा कि वो 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं।
राज्यपाल ‘सनकी’ की तरह यहाँ-वहाँ घूम रहे: कल्याण बनर्जी
बकौल कल्याण बनर्जी, लोकसभा टिकट के लिए जगदीप धनखड़ TMC के खिलाफ ये सब कर रहे हैं, ताकि भाजपा को खुश किया जा सके। बनर्जी ने राज्यपाल के लिए ‘सनकी’ शब्द का इस्तेमाल भी किया। उन्होंने कहा, “उस सनकी राज्यपाल को अब एक मिनट भी यहाँ नहीं रुकना चाहिए। वो एक पागल कुत्ते की तरह घूम रहा है।” बता दें कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कानून-व्यवस्था का पालन कराने की सलाह दी थी।
बता दें कि कल्याण बनर्जी खुद कलकत्ता हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। 64 वर्षीय बनर्जी ने 2019 में पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार चुनाव जीता। 2001 में वो आसनसोल उत्तर से विधायक भी बने थे। कॉमर्स से स्नातक के बाद LLB की डिग्री प्राप्त करने वाले बनर्जी ने TMC के लिए कोर्ट में कई केस लड़े हैं। वो 1981 से ही कलकत्ता हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे हैं। अक्टूबर 2009 में वो एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल में UK और USA भी गए थे।
https://twitter.com/ANI/status/1394233539827175426?ref_src=twsrc%5Etfwइससे पहले अपने नेताओं की गिरफ्तारी की सूचना पर खुद सीएम ममता बनर्जी CBI के दफ्तर पहुँच कर खुद को गिरफ्तार करने की माँग करने लगीं। तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं ने जाँच एजेंसी के दफ्तर पर पत्थरबाजी की और बैरिकेड तोड़कर भीतर दाखिल होने की कोशिश की।
मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी CBI के शिकंजे में हैं। सीबीआई ने इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर 16 अप्रैल 2017 को मामला दर्ज किया था।