पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की कार्यशैली पर लॉकडाउन के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सवाल उठाए हैं। राज्यपाल ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि निशुल्क राशन गरीबों के लिए हैं, तिजोरियों में बंद करने के लिए नहीं है। धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। दरअसल, बंगाल के कई इलाकों में मुफ्त राशन वितरण में भारी अनियमितताएँ बरते जाने की खबरें सामने आई हैं।
https://twitter.com/deep_mani1/status/1251446379244687360?ref_src=twsrc%5Etfwराज्यपाल धनखड़ ने कहा कि कोविद-19 के खिलाफ हमें जमीन पर एकजुट होकर लड़ना होगा न कि मीडिया और लोगों के बीच जाकर। इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) में घोटाले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। यह एक बड़ी चिंता का विषय है। पीडीएस का राजनीतिक अपहरण हो रहा है जो कि बड़ा अपराध है। जरूरतमंदों के लिए मुफ्त राशन है न की तिजोरी में रखने के लिए है। इस में गड़बड़ी करने वालों से सख्ती से निपटा जाए।
आपको बता दें कि इससे पहले धनखड़ ने कहा था कि बंगाल में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर विचार होना चाहिए। उन्होंने लॉकडाउन का पालन कराने में अक्षम पुलिस अधिकारियों को भी प्रदेश सरकार से तुरंत हटाने की माँग की थी।
वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राशन वितरण में गड़बड़ी को लेकर मिली कई शिकायतों के बाद तत्काल प्रभाव से राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव को हटा दिया है। उसके बाद भी कई जगहों पर अनियमितता के मामले सामने आ रहे हैं। विपक्षी दल खासकर भाजपा और माकपा निशुल्क राशन के राजनीतिक आवंटन का आरोप लगा रहे हैं।
https://twitter.com/jdhankhar1/status/1251482420613771264?ref_src=twsrc%5Etfwइससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा था कि कुछ लोगों के पास राजनीति में शामिल होने के अलावा कोई और काम नहीं है। ममता ने बेहतरीन काम करने के लिए राज्य पुलिस और प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह संकट के समय राजनीति और आलोचना करने वालों को ‘सच्चे इंसान’ नहीं मानतीं।