पंचायत चुनाव से पहले बंगाल में शुरू हुई हिंसा: मुर्शिदाबाद में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, तमंचे के साथ TMC नेता गिरफ्तार

पंचायत चुनाव के ऐलान के साथ ही बंगाल में शुरू हुई हिंसा (फोटो साभार: IndiaToday)

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के नामांकन दाखिल करने के पहले ही दिन हिंसक घटनाएँ देखने को मिल रहीं हैं। मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार (9 जून, 2023) को हुई स्थानीय कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के बाद से तनाव बना हुआ है। कॉन्ग्रेस का आरोप है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस ने हत्या करवाई है। शनिवार (10 जून, 2023) को टीएमसी, सीपीएम और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस हिंसा के बीच पुलिस ने TMC नेता बशीर मुल्ला को तमंचे के साथ गिरफ्तार किया है।

दरअसल, पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं। इसको लेकर शुक्रवार (9 जून, 2023) से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई। इसी दिन मुर्शिदाबाद जिले के खरग्राम में स्थानीय कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता फूलचंद शेख की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या से पहले उन्हें लाठी, डंडों से पीटा गया था। इस मामले में पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान काजल शेख और सफीक शेख के रूप में हुई। 

कॉन्ग्रेस का आरोप है कि बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं ने फूलचंद की हत्या की है। इस हत्या के विरोध में कॉन्ग्रेस ने चुनाव कार्यालय के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया।

कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता फूलचंद शेख की हत्या के बाद बढ़े तनाव के बीच शनिवार (10 जून 2023) को मुर्शिदाबाद जिले के डोमकल में कॉन्ग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टी सीपीएम के कार्यकर्ताओं ने मिलकर टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। इस हंगामे के बीच पुलिस ने तृणमूल कॉन्ग्रेस के स्थानीय नेता बशीर मुल्ला को एक तमंचे के साथ गिरफ्तार किया है। 

पश्चिम बंगाल में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता की हत्या को लेकर बीजेपी ने TMC पर निशाना साधा है। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि अगर राज्य में कानून व्यवस्था बरकरार है तो चुनाव नजदीक आने पर ऐसी हत्याएँ क्यों होती हैं? इस हत्या के मामले में तृणमूल कॉन्ग्रेस के 2 कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए हैं। हत्या के बाद से राज्य में जिस तरह से डर का माहौल बना दिया गया है, उससे कोई भी आगे आने की हिम्मत नहीं करेगा। 

इस मामले में कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है, “यह स्पष्ट संकेत है कि टीएमसी बाहुबल का इस्तेमाल कर पंचायत चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। अगर टीएमसी गोलियों से जीतना चाहती है तो मतदान कराने की जरूरत नहीं है। पंचायत चुनाव से पहले टीएमसी कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने की कोशिश कर रही है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया