बंगाल के संदेशखली में TMC नेता शाहजहाँ के खौफ से दहशत में महिलाएँ, पतियों की हत्या का डर: मिलने जा रहे थे राज्यपाल तो भीड़ ने रोका

संदेशखली में प्रदर्शन करती महिलाएँ (साभार: इंडिया टुडे)

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के शासन वाली पश्चिम बंगाल से एक से बढ़कर एक खौफनाक कहानियाँ सामने आ रही हैं। संदेशखली में महिलाओं को जबरन उठा ले जाने और तब तक बलात्कार करने ‘जब तक की मन भर जाता’ वाली घटना किसी अफगानिस्तान या सीरिया में नहीं, बल्कि इसी बंगाल में हो रही है। इस तरह का आरोप लगाने वाली कई महिलाओं के वीडियो सामने आए हैं।

संदेशखली की महिलाओं ने आरोप है कि टीएमसी का नेता और स्थानीय गुंडा शाहजहाँ शेख और उसके गुर्गे महिलाओं को जबरन अपने साथ उठा ले जाते हैं। इसके लिए उसके गुर्गे आते हैं रेकी करते हैं। जो महिला या लड़की, भले ही नाबालिग ही क्यों ना हो, उन्हें सुंदर दिखती है, उसे उठा ले जाते हैं। शाहजहाँ एक क्रिमिनल पर जिसकी खोज केंद्रीय एजेंसियों को भी है। इसको लेकर संदेशखली में तनाव है।

तनाव को देखते पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस सोमवार (13 फरवरी 2024) को संदेशखली के लिए निकले, लेकिन टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को बीच में ही रोक दिया। वहीं, बंगाल पुलिस ने मीडिया कर्मियों को भी संदेशखली जाने से रोक दिया है। संदेशखली की घटना को लेकर भाजपा के नेता भी घटनास्थल पर जाने की तैयारी में है। वहीं, वामपंथी पार्टियों ने बंद का अह्वान किया है।

संदेशखली में महिलाओं को TMC के नेताओं द्वारा उठा कर जाने के संबंध में वायरल वीडियो में महिला कह रही है, “पार्टी (तृणमूल) के लोग आते थे और एक घर का सर्वेक्षण करते थे, जिसमें एक सुंदर पत्नी होती है, जिसकी लड़की जवान होती है। फिर वे महिलाओं को पार्टी कार्यालय में ले जाते हैं… रात-रात भर उन्हें वहीं रखा जाता… जब तक वे नहीं हो जाते।” इसका मुख्य अपराधी स्थानीय जिला परिषद सदस्य शाहजहाँ शेख को बताया है।

दरअसल, संदेशखली पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित है। यह सुंदरबन क्षेत्र में एक द्वीप है, जो बांग्लादेश सीमा के करीब है। संदेखली में केवल नाव द्वारा ही पहुँचा जा सकता है। वहाँ की महिलाओं का कहना है कि अगर वे शाहजहाँ शेख के गुर्गों द्वारा उठा ले जाने का विरोध करती हैं तो उनके पति या बेटे या अन्य परिजनों को मार दिया जाता है। इसलिए विवश होकर उन्हें जाना पड़ता है।

इसको लेकर स्थानीय महिलाओं ने लाठी और डंडे लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था। इस तनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने वहाँ धारा 144 लागू कर दी है। इस तरह महिलाओं के प्रदर्शन को भी राज्य सरकार द्वारा कुचलने की कोशिश की गई है। चार से अधिक लोगों को एक साथ जमा होने पर रोक लगा दी गई है। मीडिया को भी वहाँ जाने की इजाजत नहीं है।

एक महिला ने एक वीडियो में कहा, “यहाँ कोई पति हो सकता है, लेकिन उसका पत्नी पर अधिकार नहीं है। उसे अपनी पत्नी को भेजना ही होगा।” कनिका दास नाम की एक महिला ने कहा, “वे हमारे साथ दुर्व्यवहार करते हैं। यहाँ की महिलाएँ सुरक्षित नहीं रह सकतीं। हम महिलाएँ बाहर जाने से डरती हैं। हम सुरक्षा चाहते हैं।”

आजतक बांग्ला को संदेशखली की स्थानीय महिला कनिका दास ने आगे बताया, “मेरे पति एक बैंक सीएसपी (गाँवों में माइक्रोपेमेंट कियोस्क) चलाते हैं। उन्होंने इशारा किया था कि नेताओं की नजर उकने सारे पैसों पर है। वे मुझसे कहते हैं कि वे लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएँगे।” बता दें कि जब शाहजहाँ शेख के घर पर रेड के लिए 5 जनवरी को ED की टीम पहुँची थी, तब उस पर हमला किया गया था। इसमें चार अधिकारी घायल हो गए थे।

इन सब घटनाओं के सामने आने के बाद राज्य महिला आयोग की प्रमुख लीना गंगोपाध्याय संदेशखली पहुँची हैं, लेकिन मीडिया को वहाँ पहुँचने नहीं दिया जा रहा है। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि शाहजहाँ द्वारा हिंदू महिलाओं को बंधक बनाकर रेप करने की घटनाएँ परेशान करने वाली हैं। आयोग ने बंगाल के डीजीपी को इसको लेकर एक पत्र लिखा है और विस्तृत जाँच की रिपोर्ट 24 घंटे में माँगा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया