पश्चिम बंगाल के कामरहटी के बेलघोरिया इलाके में सौमन दास नाम के एक युवक की मृत्यु हो गई। कथित तौर पर तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) पार्षद रुपाली सरकार और उनके सहयोगियों ने सौमेन पर 4 मई को हमला किया था।
भ्रष्टाचार उजागर करने पर रुपाली सरकार और उनके समर्थकों ने सौमन पर हमला किया था। सौमन ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें साफ तौर पर दिख रहा था कि रुपाली सरकार राहत सामग्री बाँटने में भेदभाव कर रही हैं, किसी को दे रही हैं, किसी को नहीं।
https://twitter.com/effucktivehumor/status/1263006102574247936?ref_src=twsrc%5Etfwसरकार और उसके सहयोगियों ने दास को कथित रूप से पीटा। इससे उनके सिर, छाती और कमर में चोटें आईं। उन्हें कमरहटी के सागर दत्ता अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उन्होंने दम तोड़ दिया।
वीडियो में सौमन दास ने टीएमसी पार्षद रुपाली सरकार पर जरूरतमंदों को राहत आपूर्ति के वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इस वीडियो के बाद, दूसरे समूह के युवाओं ने एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें दिखाया गया कि सौमन दास सामुदायिक किचेन के लिए सामान इकट्ठा कर रहे हैं। इस वीडियो में कथित तौर पर कुछ प्रतिकूल टिप्पणियाँ भी थीं।
इस वीडियो का विरोध करने के बाद सौमन दास के लिए परेशानियाँ शुरू हुई। दूसरे समूह के लोग, जो कथित तौर पर टीएमसी पार्षद रुपाली सरकार के समर्थक थे, ने उन्हें बुरी तरह से पीटा।
दास की माँ ने कहा कि उनका बेटा 100 रुपए लेकर घर से यह कहकर निकला था कि वह अपने दोस्तों के साथ ज़रूरतमंदों को भोजन और अन्य राहत सामग्री मुहैया कराने में योगदान देगा, लेकिन वह उसके बाद घर नहीं लौटा। बाद में उन्हें जानकारी मिली कि रुपाली सरकार और उनके गुंडों ने दास को बेरहमी से पीटा है। जब वे दौड़ेकर वहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि दास सड़क पर बेहोश पड़ा था। फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
चश्मदीद बताते हैं कि रुपाली सरकार ने दास का कॉलर पकड़कर खींचा था और अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी पिटाई की थी। सौमन के रिश्तेदारों ने भी खुलासा करते हुए बताया, “हमें राहत सामग्री नहीं दी जा रही थी। बार-बार अपील के बावजूद पार्षद ने कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई करने के बजाय टीएमसी पार्षद के लोगों ने सौमन की बेरहमी से पिटाई की।”
सौमेन दास ने भी दम तोड़ने से पहले खुद पुलिस से पुष्टि की थी कि रुपाली सरकार ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन पर हमला किया था। हालाँकि टीएमसी द्वारा संचालित नगरपालिका के अध्यक्ष गोपाल साहा का कहना है, “राहत सामग्री के वितरण में परेशानी हुई। अगर किसी पर कोई आरोप था, तो उसे सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के बजाय प्रशासन के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी। हम मामले की जाँच कर रहे हैं।”
घटना के बाद, एक भीड़ ने तृणमूल कॉन्ग्रेस के पार्षद के घर के बाहर तोड़फोड़ की। पुलिस सूत्रों ने कहा कि 5 मई (मंगलवार) को एक भीड़ रुपाली सरकार के घर के बाहर इकट्ठा हुई और पथराव किया। बाद में रैपिड एक्शन फोर्स के कर्मियों द्वारा उन्हें खदेड़ दिया गया। बैरकपुर के पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने कहा कि भीड़ द्वारा किए गए पथराव में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। रुपाली सरकार को पुलिस ने इलाके से बाहर निकाल लिया।
टीएमसी पार्षद ने उस समय दावा किया था कि उनकी इस घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है। यह उनको फँसाने की राजनीतिक साजिश है। मगर अब बताया जा रहा है कि उन्होंने खुद ही आत्मसमर्पण कर दिया है और कामाहाती पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।