केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर बीते कई महीने से दिल्ली की सीमाओं को घेरे बैठे कथित किसानों ने रास्तों को बंद कर रखा है। हाल ही में दिल्ली के सिंघू और टिकरी बॉर्डर से प्रशासन ने बैरिकेड को हटाकर रास्तों को खोल दिया। सरकार के इस कदम से तिलमिलाए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बनाने की धमकी दी है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने रविवार (31 अक्टूबर 2021) को सरकार को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने दिल्ली की सीमाओं से प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाने की कोशिश की तो परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने ट्वीट किया, “अगर किसानों को जबरन सीमा से हटाने की कोशिश की गई तो वे देशभर के सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे।” टिकैत ने यह बयान दिल्ली पुलिस द्वारा गाजीपुर और टिकरी सीमाओं से सीमेंटेड ब्लॉक और बैरिकेड्स हटाने के दो दिन बाद दिया है।
इस मामले को लेकर शनिवार (30 अक्टूबर 2021) को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने दिल्ली हरियाणा मार्ग खोले जाने के बाद कहा था कि अगर केंद्र सरकार सभी रास्तों को खोलना चाहती है तो सबसे पहले कृषि कानून पर किसानों की माँगों को पूरा करने का रास्ता भी खोले। टिकरी सीमा पर सड़क के खुलने से बहादुरगढ़ और दिल्ली के हजारों यात्रियों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी और हरियाणा से राजस्थान जाने वालों को भी मदद मिलेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन जेसीबी से यहाँ लगे टेंटों को उखाड़ने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले टिकैत ने संसद में जाकर फसल बेचने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, “पीएम ने कहा था कि किसान कहीं भी फसल बेच सकते हैं। अगर सड़कें खुली रहीं तो हम अपनी फसल बेचने के लिए संसद भी जाएँगे। पहले हमारे ट्रैक्टर दिल्ली जाएँगे। हमने रास्ता नहीं रोका है। सड़क जाम करना हमारे विरोध का हिस्सा नहीं है।”
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इससे होने वाली असुविधा के लिए प्रदर्शनकारी किसान नहीं बल्कि अधिकारी जिम्मेदार हैं। कोर्ट ने कहा था कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन अनिश्चित काल के लिए सड़कों को बंद नहीं रख सकते।