‘यहाँ मत निकालिए हार का गुस्सा’: संसद के शीतकालीन सत्र से पहले PM मोदी की विपक्ष को सलाह, जाएगी महुआ मोइत्रा की सदस्यता?

मीडिया को संबोधित करते PM मोदी (चित्र साभार: @NarendraModi/X)

संसद का शीतकालीन सत्र आज से चालू हो रहा है। सत्र के चालू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मीडिया से बातचीत की है। उन्होंने अपने संबोधन में चार राज्यों के चुनावी नतीजों की चर्चा की और नए संसद भवन के विषय में बात की। यह सत्र नए संसद भवन में हो रहा है।

संसद का यह शीतकालीन सत्र सोमवार (4 दिसम्बर, 2023) से चालू होकर 22 दिसम्बर, 2023 तक चलेगा। इस बीच कई महत्वपूर्ण बिल पेश होंगे और बाकी विधायी कार्य होंगे। पहले दिन की कार्यवाही चालू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद पहुँचे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अगर मैं वर्तमान चुनाव नतीजों के आधार कहूँ तो विपक्ष में बैठे साथियों के लिए यह सुनहरा मौका है, इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने की बजाय इस पराजय से सीख कर के पिछले 9 वर्षों से नकारात्मकता की प्रवृत्ति को छोड़ कर इस सत्र में सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश उनकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलेगा। उनके लिए यहाँ से नए द्वार खुल सकते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर वो विपक्ष में हैं तो भी अच्छी सलाह दे रहा हूँ, सकारात्मक विचार के साथ आइए, अगर हम 10 कदम चल रहे हैं तो आप 12 कदम चलने का फैसला लेकर आइए। हर किसी का भविष्य उज्ज्वल है, निराश होने की जरूरत सबके लिए अवसर हैं, लेकिन कृपा करके बाहर की पराजय का गुस्सा सदन में मत उतारना। हताशा-निराशा होगी, आपके साथियों को दम दिखाने के लिए आपको कुछ ना कुछ करना पड़ेगा लेकिन कम से कम लोकतंत्र के मंदिर को वो मंच मत बनाइए।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इन पार्टियों को सलाह दी कि वह अपना रुख बदलें और सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध ना करें। देशहित में सकारात्मक चीजों का साथ दें। उन्होंने विपक्ष से कहा कि इससे देश में जो आपके प्रति नफरत पैदा हो रही है वह मोहब्बत में बदल जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका भला भी इसी में है कि आप सकारात्मक बनें। प्रधानमंत्री ने अपील की कि नए संसद भवन में जो कमियाँ रह गई हों वो उन्हें बताएँ।

संसद की कार्यवाही से पहले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि आज उनकी जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। बता दें कि उन्होंने TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘सवाल के बदले घूस’ का मामला उठाया था, जिस पर संसद में कार्रवाई फिर से चालू होगी। इस मामले में संसद की आचार समिति की रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी जाएगी।

केंद्र सरकार इस सत्र में 19 विधेयक लेकर आ रही है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़ा विधेयक है। गौरतलब है कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर एक कानून बनाने को कहा था। इसके अतिरिक्त इस सत्र में नई दंड संहिताओं पर भी चर्चा होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया