जब इस्लामी आतंकियों ने 1 साल के बच्चे को काटकर ‘काफिर’ माँ को खिलाया… फारूक अब्दुल्ला ‘खून से सने चावल’ सीन को देख पूछते हैं- हम इतने गिरे हैं क्या

यजीदी महिला को आतंकियों ने खिलाया था अपना ही बच्चा

जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी हिंदू के नरसंहार पर ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज होने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने हाल में इस फिल्म के बैन की माँग उठाई और सवाल किया- ‘क्या इतने गिरे लगते हैं हम कि खून से सने चावल खिलाएँगे’। उन्होंने ये सवाल उन कट्टरपंथी मुसलमानों की नीयत को लेकर पूछा जिन्होंने बीके गंजू की पत्नी को पति के खून से सने चावल खिलाए थे। 

फारूक अब्दुल्ला के बयान से साफ है कि वो ये नहीं मानते है कि कोई मुसलमान इतना गिर सकता है कि ऐसी हरकत करे जबकि हकीकत ये है कि कट्टरपंथी अपने शिकार के साथ सोच से भी ज्यादा निर्ममता करते हैं, इसका अंदाजा यजीदी महिला से साथ घटित घटना से चलता है जिसे अपने ही 1 साल के बेटे को पका कर खाने पर मजबूर किया गया था।

साल 2017 में न्यूयॉर्क पोस्ट में इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इसमें इराकी नेता वियान दाखिल के उस बयान का जिक्र था जिसमें उन्होंने यजीदी महिला पर बात की थी। उन्होंने कहा था, “हमने ISIS की चंगुल से एक महिला को छुड़ाने में सफलता पाई जो तीन दिन तक बिन खाने-पीने के जेल में रखी गई थी। उसने बताया कि एक दिन आतंकी उसके पास मीट और चावल लाए। वो इतनी भूखी थी कि सब खाना गई। लेकिन जैसे ही उसका खाना खत्म हुआ। उसे कहा गया कि हमने तुम्हारे 1 साल के लड़के को पकाया था और वहीं तुमने अभी-अभी खाया है।”  

ISIS आतंकी मानते थे कि महिला यजीदी धर्म अपना कर शैतान की इबादत करती है। इसलिए उन्होंने उसे बंदी बनाया और उसके लड़के को पका कर खा गए। साथ में महिला को भी खिलाया। महिला नेता ने ये जानकारी भी दी थी कि कैसे ISIS आतंकियों ने एक 10 साल की बच्ची का रेप उसके पिता और बहनों के सामने ही कर दिया था

बता दें कि ये कोई अकेली घटना नहीं है जहाँ इस्लामी कट्टरपंथ का घिनौना चेहरा उजागर हुआ हो। तमाम मामले में जब दूसरे धर्म के लोगों को काफिर बता महिला से लेकर बच्चों तक को टुकड़ों में काटा गया। लेकिन फिर भी फारूक अब्दुल्ला सवाल करते हैं कि क्या इतने गिरे हैं कि खून से सने चावल खिलाएँगे।

इस देश में अपनों के खून से सने चावल हिंदुओं को खिलाने की घटना न केवल कश्मीर में बल्कि बंगाल में भी घटी थी। बंगाल के सेनबाड़ी हत्याकांड के दौरान सीपीआई (एम) के कार्यकर्ताओं की भीड़ ने घरों में आग लगा दी, परिवार के दो भाइयों, प्रणब कुमार सेन और मलय कुमार सेन को परिवार के सदस्यों के सामने काट दिया गया था। बाद में मारे गए भाइयों की माँ को अपने मृत बेटों के खून से सना चावल खाने के लिए मजबूर किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया