उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में अपराधियों की ‘सफाई’ का काम लगातार जारी है। एक आँकड़े के अनुसार, योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों की संख्या 178 पहुँच गई है। हाल ही में प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद ही अतीक अहमद के दो गुर्गों का एनकाउंटर हुआ है। मार्च 2017 से लेकर अब तक 10,713 बार पुलिस और अपराधियों की मुठभेड़ हो चुकी है।
यानी, उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के लिए भाजपा की सरकार सख्त है। 2017 और 2022 की पूर्ण बहुमत वाली जीत के बाद जनता का भरोसा भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दिखा है। हालाँकि, अपराधियों के साथ मुठभेड़ के दौरान 12 पुलिसकर्मी बलिदान भी हुए हैं। ये भी जानने वाली बात है कि पिछले साल मुठभेड़ में मरने वाले अपराधियों की संख्या सबसे कम रही। सबसे अधिक अपराधी वर्ष 2018 में मारे गए थे।
योगी आदित्यनाथ के पहले बार सत्ता सँभालने के अगले ही वर्ष ताबड़तोड़ हुई कार्रवाई में तब 81 अपराधी मारे गए थे। इसी तरह, 2017 में 28, 2019 में 34, 2020 में 26, 2021 में 26 और 2022 में 14 अपराधी मारे गए। वहीं अगर इस साल की बात करें तो 2023 में दो महीना और एक सप्ताह के भीतर 9 अपराधी मारे गए हैं। कुल मिला कर 6 वर्षों में यूपी पुलिस ने 23,000 से भी अधिक अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुँचाया है।
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे प्रयागराज पश्चिमी से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी चेताया है कि उमेश पाल हत्याकांड का आखिरी पन्ना योगी सरकार लिखेगी और ये न्याय का पन्ना होगा। ‘माफिया को मिट्टी में मिला देंगे’ – सदन में सीएम योगी का ये बयान खासा चर्चा में है। यूपी में सपा-बसपा काल में माफियाओं को पोषण मिला। अपराधियों से मुठभेड़ में 1416 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। सबसे ज्यादा मेरठ में 63 अपराधी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।