मुझे कोई बुलाएगा नहीं और मैं जाऊँगा भी नहीं: अयोध्या में मस्जिद के शिलान्यास पर CM योगी की दो टूक

अयोध्या में CM योगी आदित्यनाथ (साभार: ANI)

मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्म स्थली पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश दुनिया के करोड़ों रामभक्तों के सपने को साकार कर दिया। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधि विधान के साथ मंदिर की नींव रखी।

इस दौरान पीएम मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। भूमि पूजन के कार्यक्रम के बाद सभी अथितियों को संबोधित करते सीएम योगी ने कहा कि पाँच सदी के बाद आज 135 करोड़ भारतवासियों का संकल्प पूरा हो रहा है।

राम मंदिर भूमि पूजन से इतर योगी आदित्यनाथ ने न्यूज चैनल आज तक के साथ खास बातचीत में मस्जिद के शिलान्यास पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कर दिया कि वो मस्जिद के शिलान्यास कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होंगे।

बता दें कि मीडिया चैनल ने सीएम योगी से सवाल किया था, “विरोधी कह रहे हैं कि आपने सभी धर्मों के लोगों को राम मंदिर के भूमि पूजन में बुलाया और सब आए। लेकिन आने वालों दिनों में जब अयोध्या में मस्जिद का निर्माण शुरू होगा, तो कहा जा रहा है कि कि सीएम योगी वहाँ नहीं जाएँगे।”

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका जवाब देते हुए कहा, “मेरा जो काम है वो काम मैं करूँगा। मैं अपने कार्य को हमेशा कर्तव्य और धर्म मानकर चलता हूँ। मैं जानता हूँ कि मुझे कोई बुलाएगा नहीं इसलिए मैं जाऊँगा भी नहीं।”

उन्होंने भूमि पूजन कार्यक्रम में कई बड़े नेताओं के शामिल नहीं होने पर भी कहा कि हर समुदाय के लोग इस कार्यक्रम में आना चाहते थे, लेकिन कोरोना के कारण कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सिर्फ कॉन्ग्रेस की बात नहीं है, भाजपा के भी कई बड़े नेता कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए।

इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूझबूझ और प्रयासों के कारण आज संकल्प पूरा हो रहा है। हमने तीन साल पहले अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया था, आज उसकी सिद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पहले रामायण सर्किट का काम शुरू किया गया, साथ ही अयोध्या में विकास कार्य हो रहा है।

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सीएम ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और उसकी न्यायपालिका की शक्ति ने दुनिया को दिखा दिया है कि शांति से लोकतांत्रिक और संवैधानिक रूप से सुलझाए जाने वाले मामले कैसे हो सकते हैं।

गौरतलब है कि 9 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में पूरी 2.77 एकड़ विवादित भूमि राम लला को दी। इसके साथ ही केन्द्र और उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार को मस्जिद के निर्माण के लिए किसी प्रमुख स्थान पर पाँच एकड़ जमीन दूसरे पक्ष को देने का भी निर्देश दिया।

यूपी सरकार ने 5 फरवरी को ही अयोध्या जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम धन्नीपुर तहसील सोहावल में थाना रौनाही से लगभग 200 मीटर पीछे 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए आवंटित की थी। यहीं पर मस्जिद का निर्माण होना है। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया