पाकिस्तान के सिंध में एक और हिन्दू नाबालिग लड़की का अपहरण, पिता ने लगाई गुहार

पाकिस्तान में 2 नाबालिग हिन्दू लड़कियों के अपहरण व धर्मान्तरण का आरोप (फाइल फोटो)

दो नाबालिग हिन्दू लड़कियों के अपहरण और इस्लामिक धर्मान्तरण का मामला अभी थमा भी नहीं था कि पाकिस्तान स्थित सिंध से एक और हिन्दू लड़की के अपहरण का मामला सामने आया है। सिंध सूचना विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हरिराम किशोरी ने 16 वर्ष की एक हिन्दू लड़की के अपहरण मामले में संज्ञान लिया है। उक्त लड़की के अपहरण का समाचार सोशल मीडिया पर तेज़ी से फ़ैल रहा था, जिसके बाद मंत्री ने संज्ञान लिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक तरफ तो ‘नया पाकिस्तान’ में सभी धर्मों के साथ सामान व्यवहार का दावा करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हिन्दू लड़कियों पर अत्याचार होते जा रहे हैं और सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही।

जब भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दो हिन्दू लड़कियों का अपहरण, जबरन शादी और इस्लामिक धर्मान्तरण के मुद्दे पर पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग से रिपोर्ट माँगी, तो पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद ख़ान चौधरी बिफर पड़े और उन्होंने सुषमा को ट्रोल करने की कोशिश की। अंततः सुषमा स्वराज की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद उन्हें मुँह की खानी पड़ी। इधर सिंध में अब मेघवार समुदाय की लड़की के अपहरण का मामला सामने आया है। घटना बाड़ीं जिला स्थित टांडो बाघों गाँव का है। पीड़िता के पिता ने ज़िले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सरदार हसन नियाज़ी से मामला दर्ज कर दोषियों पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

https://twitter.com/ManishTewari/status/1110718410562908167?ref_src=twsrc%5Etfw

हालाँकि, अभी तक अपहरण का सही समय नहीं पता चल पाया है लेकिन मंत्री हरिराम ने मामला दर्ज करने के साथ-साथ पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए मंत्री हरिराम किशोरी ने कहा:

“सिंध में बाल विवाह निषेध कानून के तहत नाबालिग लड़कियों के विवाह पर पाबंदी है। 18 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करना आपराधिक कृत्य है। क़ानून का सिंध में कड़ाई से पालन किया जा रहा है। हमारी सरकार नाबालिग हिंदू लड़कियों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। सिंध सरकार अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग बनाने की तैयारी में है और इसके मसौदे को मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले मंजूरी दी है।”

बता दें कि अपहरण का पहला वाला मामला सिंध के घोटकी ज़िले से आया था। सुषमा स्वराज द्वारा मुद्दे को उठाए जाने के बाद एक मौलवी सहित 7 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। गिरफ़्तार हुए लोगों में से एक निक़ाह कराने वाला अधिकारी भी शामिल है। शनिवर (मार्च 23, 2019) को इस मामले के 2 अलग-अलग वीडियो के वायरल होने के बाद पाकिस्तान सरकार हरकत में आई थी। स्थानीय अदालत ने लड़कियों को सुरक्षा मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं।

https://twitter.com/TarekFatah/status/1109676404290056193?ref_src=twsrc%5Etfw

हालाँकि स्थानीय मेघवाल समुदाय के नेता शिव लाल ने पाकिस्तान सरकार व अधिकारियों द्वारा कही गई बातों को बस ज़बानी जमा-ख़र्च बताया था। स्थानीय दाहरकी पुलिस थाने के आगे नाराज़ मेघवाल समुदाय के लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया। अपने हाथ में बैनर लिए इन लोगों की नाराज़गी इस बात को लेकर थी कि 7 दिन बीत जाने के बावजूद उन लड़कियों को बरामद नहीं किया जा सका है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया