हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति को कान पकड़कर उठक-बैठक करते हुए जय श्री रीम बोलने के लिए मजबूर करते देखा गया। वीडियो वायरल होने के बाद पत्रकारिता के समुदाय विशेष और लिबरल गैंग ने इसे हेट क्राइम के तौर पर खूब भुनाया। लेकिन हकीकत सबसे सामने है। दरअसल जाँच के बाद पुलिस ने इस मामले में एक मुस्लिम शख्स को गिरफ्तार किया है। खबर के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में आप्सी मियाँ नाम के शख्स को असगर अली को जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
https://twitter.com/PraveenraoU/status/1144806437169717248?ref_src=twsrc%5Etfwजबरन ‘जय श्रीराम’ बोलने की यह घटना लोकसभा चुनाव के बाद ही हुई थी, लेकिन हाल ही में वीडियो वायरल होने के बाद राज्य प्रशासन ने इस पर संज्ञान लिया। इस वीडियो में उठक-बैठक करते हुए जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर करने के साथ ही असगर को ये भी धमकी दी जा रही है कि वो न तो कभी ममता बनर्जी का नाम लेगा और न ही वो कभी टीएमसी के लोगों के साथ दिखना चाहिए। मुंबई मिरर के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद, आप्सी मियाँ ने असगर अली और उत्पल दास के साथ मार-पीट की थी, उसे प्रताड़ित किया था। हालाँकि, उस समय कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
अब वीडियो वायरल होने के बाद, आप्सी मियाँ को गिरफ्तार कर लिया गया। आप्सी को शुक्रवार (जून 28, 2019) को कूच बिहार के तूफानगंज अदालत में पेश किया गया और फिर उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। मुंबई मिरर ने बताया कि भाजपा ने आप्सी मियाँ के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है।
इन दिनों कई ऐसी घटनाएँ हुई हैं, जहाँ आरोप लगाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जय श्री राम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया है और जय श्री राम न बोलने पर उनके साथ मारपीट की जाती है। हालाँकि,जब पुलिस द्वारा इसकी जाँच की जाती है, तो इनमें से अधिकतर मामले फर्जी ही निकलते हैं।
हाल ही में, मदरसा के एक शिक्षक ने आरोप लगाया था कि उन्हें जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया गया था। लेकिन जब पुलिस ने जाँच शुरू की और प्रत्यक्षदर्शियों से बात की तो मदरसा के शिक्षक मोहम्मद मोमिन का दावा बिल्कुल झूठा निकला। वहीं, गुरुग्राम में भी एक ऐसी ही घटना में बरकत आलम नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि हिंदुओं के एक समूह ने उसे जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया और जब उसने ऐसा करने से मना किया तो उसके साथ मारपीट की गई, उसके सिर से टोपी फेंक दिया गया। हालाँकि, जब पुलिस ने मामले की तहकीकात की और घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो बरकत का आरोप भी बिल्कुल निराधार निकला।