ममता से असंतुष्ट मंत्री सुवेंदु अधिकारी ने छोड़ा HRBC चेयरमैन का पद, विधान सभा चुनाव से पहले TMC छोड़ने की अटकलें तेज

ममता बेनर्जी/ सुवेंदु अधिकारी ने छोड़ा HRBC चेयरमैन का पद

पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले तृणमूल कॉन्ग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह बढ़ने लगी है, रह-रह के घमासान की खबरें भी सतह पर आने लगी हैं। TMC के कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की ख़बरों के बीच बृहस्पतिवार (नवंबर 26, 2020) को सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्री सुवेंदु अधिकारी ने हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नर (HRBC) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं, अधिकारी के इस्तीफा देते ही पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी को तत्काल प्रभाव से चेयरमैन भी बना दिया गया। इस बीच सुवेंदु अधिकारी के टीएमसी छोड़ने की भी अटकलें भी तेज हो गई हैं।

पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) में कई महीने से विद्रोही रुख दिखा रहे परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी ने खुद को मनाने के लिए की जा रही तमाम कोशिशों के बीच अचानक जिस तरह से हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नरेट (एचआरबीसी) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया उससे उनके पार्टी छोड़ने के कयासों को फिर बल मिल रहा है। हालाँकि अभी तक उन्होंने ऐसी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। क्योंकि ममता सरकार में सुवेंदु अधिकारी के पास अब भी मंत्री पद के अलावा सिंचाई विभाग का भी चार्ज मौजूद है।

गौरतलब है कि ममता बनर्जी सरकार में परिवहन, सिंचाई और जल संसाधन मंत्री सुवेंदु अधिकारी काफी लंबे समय से पार्टी से दूरी बनाकर चल रहे हैं। वह अपने कार्यक्रमों में पार्टी का झंडा इस्तेमाल नहीं करते। साथ ही उनके समर्थकों द्वारा राज्य में लगाए गए पोस्टर्स पर आमरा दादार अनुगामी लिखा होता है। ये पोस्टर्स प्रदेश के कई इलाकों में अधिकारी के समर्थकों द्वारा लगाए गए हैं। इस बीच राज्य में ऐसी मजबूत अटकलें हैं कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वह टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हालाँकि, सुवेंदु अधिकारी ने इस पर अभी साफ़ तौर पर कुछ नहीं कहा है लेकिन उनके एक करीबी टीएमसी नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि HRBC से इस्तीफे को उनके (अधिकारी के) टीएमसी से बाहर जाने की शुरुआत के रूप में देखा जा सकता है। वहीं, अधिकारी के पिता और टीएमसी सांसद शिशिर अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि उन्हें अपने बेटे के इस्तीफे की खबर टीवी से मिली।

वहीं पश्चिम बंगाल के राजनीतिक हलकों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में यह दावे भी किये जा रहे हैं कि अधिकारी परिवार हमेशा पारिवारिक तौर पर ही सामूहिक निर्णय लेता है। इसलिए अगर सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है तो यह साफ है कि उनके पिता और दो भाई भी टीएमसी छोड़ेंगे। अब देखना यह होगा कि आगे क्या होता है?

रिपोर्ट के अनुसार, यह कहा जा रहा है कि सुवेंदु अधिकारी अपने गृह जिले पूर्वी मिदनापुर के अलावा पश्चिमी मिदनापुर, बांकुरा, पुरुलिया, झारग्राम और बीरभूम जिले के कुछ भागों में करीब 35 से 40 विधानसभा सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। ऐसे में अगले साल अप्रैल-मई में संभावित विधानसभा चुनावों को देखते हुए टीएमसी पिछले रास्ते से उन्हें मनाने की कोशिश भी कर रही है।

गौरतलब है कि टीएमसी के नेताओं के रवैये को देखते हुए पिछले दिनों हुगली से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने ममता सरकार पर तंज कसा है। चटर्जी ने कहा था, “तृणमूल कॉन्ग्रेस अब गुटबाजी से लड़ रही है। हुगली में टीएमसी नेता यह जानते हुए बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं कि पार्टी यहाँ अपने वादों को पूरा नहीं कर पाई। सिंगूर ने ममता को सत्ता दिलाई थी और यही जगह उनसे सत्ता छीनेगी भी।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया