‘पूजा के समय थूकते, मंदिर में कूड़ा फेंकते थे कट्टरपंथी’ – बहराइच में पथराव से खून-खराबा

बहराइच में हिंसा। फोटो साभार-पत्रिका

बृहस्पतिवार को उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले में हिन्दू समाज की आस्था से जुड़े एक घटना स्थल पर समुदाय विशेष की दबंगई और जबरन कब्जा करने का मामला सामने आया है। ताज़ा रिपोर्ट्स के अनुसार समुदाय विशेष के लोगों ने बहराइच के फखरपुर थाना के कुड़ास पारा गाँव पर धावा बोलकर हिन्दुओं पर पथराव और हमला किया, जिसमें बहुत से लोग घायल हुए हैं। इस हिंसा में दूसरे समुदाय के लोगों ने भाजपा बूथ अध्यक्ष को भी पीटकर लहूलुहान कर दिया ।

ग्रामीणों का कहना है कि इन लोगों की इस प्रकार की हिंसात्मक घटनाओं के बारे में थाना फखरपुर और एसडीएम तक को पहले भी कई बार अवगत कराया गया था लेकिन उनकी बात पर अमल नहीं किया गया। उनका कहना है कि पुलिस द्वारा इस मामले को लगातार अनदेखा करने के कारण भी समुदाय विशेष को इस प्रकार की हिंसा करने की आजादी मिल पायी है।

स्थानीय समाचारपत्रों की मानें तो कुड़ास पारा में खास समुदाय द्वारा लगातार इस प्रकार की हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के कारण ग्रामीण चिंतित हैं और उनमें से कुछ का कहना है कि अगर इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी तो सभी ग्रामवासी सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन कर लेंगे। साथ ही लोगों ने कहा कि अगर योगी सरकार में हिन्दूओं को धार्मिक स्थल पर पूजा करना अपराध है तो बेहतर यही होगा कि वे अपना धर्म परिवर्तन कर दें।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस विभाग का ग्रामीणों की शिकायत को नज़रअंदाज करने का ये नतीजा रहा कि समुदाय के लोगों ने घटनास्थल पर हिंदुओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और हिन्दू बस्तियों पर पथराव भी किया। इस पथराव और हिंसा में भाजपा बूथ अध्यक्ष मूलचन्द्र के साथ ही बहुत सारे लोग घायल हुए हैं। मामले की गंभीरता को देखने के बाद बहराइच के एसपी गौरव ग्रोवर ने घटनास्थल पर पुलिस और पीएएस को तैनात कर दिया है और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज़ कर गिराफ़्तार करने के आदेश दिये हैं।

घटना कुड़ास पारा गाँव में स्थित प्राचीन सावित्री वट पूजा स्थल की है, जहाँ पर हिन्दू श्रद्धालु बहुत सालों से पूजा-पाठ और कथा करते आए हैं। पीड़ितों का कहना है कि समुदाय विशेष द्वारा इस प्राचीन पवित्र स्थान पर कब्जा करने कि नीयत से मैला, कचरा और जानवरों के अवशेष फेंककर दूषित करने का काम किया जाता रहा है।

पूजा-पाठ के दौरान यह समुदाय विशेष हिन्दू श्रद्धालुओं पर थूकने, कूड़ा फेंकने और धमकाने का भी काम करते हैं। इस बात पर हिंदुओं द्वारा आपत्ति व्यक्त करने पर उन्हें धमकाया और डराया जाता रहा है। इस मामले की जानकारी जब थाना फखरपुर को दी गयी तो उनका उदासीन रवैया मानो इस हिंसा के होने का इंतजार कर रहा था।

कहीं ना कहीं यह मामला जबरन धर्म परिवर्तन और हिन्दू पवित्र स्थलों पर कब्जा करने का है। एक ओर जहां देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जिसमें देश का तथाकथित लिब्रल वर्ग समुदाय विशेष को इस देश में असुरक्षित बता रहा है, वहीं धरातल पर सच्चाई क्या है, ये कुड़ास पारा गाँव की घटना बताती है।

ऑपइंडिया द्वारा अंतिम बातचीत तक घटनास्थल पर पंचायत के द्वारा दोनों समुदायों को आपसी वार्तालाप के लिए बुलाया गया है। कुड़ास पारा गाँव अभी भी तनावग्रस्त है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया