क्या है अंतरिम और पूर्ण बजट? अंतरिम बजट के तहत क्या हैं सरकार की सीमाएँ

1 फरवरी को सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी

मोदी सरकार का 5 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। सरकार ने 2019 के चुनाव से पहले 1 फरवरी को बजट पेश करने की तैयारी कर ली है। वित्त मंत्री 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करगें। बता दें कि, आम तौर पर सरकार जब अपने 5 साल के कार्यकाल को पूरा करने वाली होती है तो वह केवल अंतरिम बजट पेश करती है। उसके बाद सत्ता में आई नई सरकार पूर्ण बजट को पेश करती है।

अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में अंतर

अंतरिम बजट (Interim Budget) का अर्थ है चुनावी साल में कुछ वक्त जो बचा हुआ है, तब तक देश को चलाने के लिए खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता। इस बजट में नई सरकार के आने के बीच के बचे हुए समय में देश को चलाने के लिए ख़र्चे का इंतजाम किया जाता है। दरअसल, सरकार बजट में नई सरकार बनने तक के समय के लिए अंतरिम बजट पेश करती है।

बता दें कि, इस बजट में कोई ऐसा फै़सला भी नहीं लिया जा सकता है, जिसके लिए संसद की मंजूरी की ज़रूरत हो या जिसके लिए संविधान संशोधन की जरूरत पड़े। इस बजट में डायरेक्ट टैक्स, जिसमें इनकम टैक्स शामिल है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाता। हालाँकि, सरकार यदि कोई वस्तु सस्ती करनी चाहे तो वह इंपोर्ट, एक्साइज या सर्विस टैक्स में थोड़ी राहत दे सकती है।

पूर्ण बजट

पूर्ण बजट में सरकार आने वाले वित्तीय वर्ष के ख़र्चे का लेखा-जोखा पेश करती है। इसमें सभी विभागों को आवंटित होने वाली राशि, विभिन्न योजनाओं में ख़र्च होने वाली राशि क्या होगी आदि का जिक्र होता है। यही नहीं सरकार चल रही तमाम योजनाओं में धन की राशि बढ़ा या घटा भी सकती है। पूर्ण बजट में सरकार के पास डायरेक्ट टैक्स में बदलाव करने का अधिकार भी होता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया