केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अब तक ₹20,000 करोड़ की वस्तु एवं सेवा कर (GST) की चोरी पकड़ी है। सरकार ने जीएसटी में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कड़े क़दम उठाने के संकेत दिए हैं। इसके अलावा कर व्यवस्था के नियमों का अधिक से अधिक पालन सुनिश्चित करने के लिए भी सरकार उपाय करेगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBITC) के सदस्य जॉन जोसफ ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा:
“रियल एस्टेट क्षेत्र में जीएसटी दरों में कटौती के बाद क्षेत्र के समक्ष पैदा हुई समस्याओं को समझने के लिए सेक्टर के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई जाएगी। अप्रैल से फरवरी के बीच 20,000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, जिसमें से ₹10,000 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। टैक्स अधिकारियों ने करीब ₹1500 करोड़ के फर्जी इनवॉयस को भी पकड़ा है, जिसके जरिए ₹75 करोड़ का क्लेम किया जाना था।”
https://twitter.com/News18UP/status/1100790822088466433?ref_src=twsrc%5Etfwजोसफ ने यह भी बताया कि फ़र्ज़ी इनवॉइस में से ₹25 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। बाकी रक़म को भी वसूलने की प्रक्रिया चल रही है। सरकार द्वारा इतनी बड़ी संख्या में जीएसटी की चोरी पकड़ना एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
जीएसटी काउंसिल ने इस महीने हुई बैठक में घर ख़रीदने वालों को राहत देते हुए निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी की दर को 12% से घटा कर 5% कर दिया। महानगरों में ₹45 लाख तक के मूल्य और 60 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले घरों को किफ़ायती श्रेणी में रखा गया है। छोटे शहरों में 90 वर्गमीटर तक के क्षेत्रफल वाले घरों को इस श्रेणी में रखा गया है।
https://twitter.com/arunjaitley/status/1099647413474738178?ref_src=twsrc%5Etfwजोसफ ने कहा कि जो अमीरों के लिए ठीक है, हो सकता है कि वही चीज ग़रीबों पर फिट नहीं बैठती हो। उन्होंने बताया कि पाँच टैक्स स्लैब को दो या तीन में मिला दिया जाएगा। इस बाबत जीएसटी काउंसिल निर्णय लेगी। बता दें कि अभी भारत में जीएसटी की चार दरे हैं- 5, 12, 18 और 28।