‘अगला राम मंदिर मक्का में, लड़ाई के लिए तैयार’ – अब्दुल भाइयों ने लिखा, 604 दिन जेल में रहे हरीश, अब लौटे भारत

सऊदी अरब में 604 दिन जेल में रहे हरीश बांगेरा लौटे घर (इंडियन एक्सप्रेस/फाइल फोटो)

कर्नाटक के उडुपी जिले के रहने वाले हरीश बांगेरा बुधवार (18 अगस्त 2021) को आखिरकार अपने घर वापस आ ही गए। पेशे से AC मैकेनिक बांगेरा को सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और इस्लामिक तीर्थस्थल मक्का को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के गलत आरोप में 604 दिन जेल में बिताने पड़े थे। दो भाइयों अब्दुल हुएज और अब्दुल थुएज ने बांगेरा के नाम से फेसबुक पर फर्जी एकाउंट बनाकर ये टिप्पणियाँ की थीं।

बांगेरा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने सऊदी अरब में रहते हुए अपने फेसबुक एकाउंट पर भारत सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और NRC के समर्थन में पोस्ट किया था, जिसके बाद उनकी आलोचना शुरू हो गई थी और उन्होंने पोस्ट हटा कर अपना फेसबुक एकाउंट ही डिलीट कर दिया था लेकिन उसी दौरान उनके नाम से बनाए गए फेसबुक एकाउंट से सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और इस्लामिक तीर्थस्थल मक्का को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। इन टिप्पणियों के बाद 22 दिसंबर 2019 को बांगेरा को गिरफ्तार कर लिया गया था।

21 दिसंबर 2019 को हरीश बांगेरा के नाम से चलाए जाने वाले एकाउंट से इस्लाम और सऊदी अरब के प्रिंस के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। ऐसी ही एक पोस्ट में मक्का की तस्वीर पोस्ट की गई और साथ में कैप्शन दिया गया, “अगला राम मंदिर मक्का में होगा। लड़ाई के लिए तैयार हो जाओ।” इसके अलावा भी फोटो पोस्ट की गई थी। जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, तुरंत कार्रवाई करते हुए हरीश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और सऊदी अरब पुलिस ने कुछ घंटों के अंदर ही हरीश को गिरफ्तार कर लिया।

इधर हरीश की पत्नी ने भी उडुपी पुलिस स्टेशन में हरीश के निर्दोष होने और उनके खिलाफ की गई साजिश की आशंका के चलते शिकायत दर्ज कराई। बाद में इस मामले में जाँच करने पर यह पता चला कि अब्दुल हुएज और अब्दुल थुएज ने 19 दिसंबर 2019 को फेसबुक में हरीश के नाम से फर्जी एकाउंट बनाया और दो दिन बाद उस एकाउंट से आपत्तिजनक पोस्ट कर दिए। पुलिस ने वह मोबाइल फोन को भी ट्रेस कर लिया, जिसका इस्तेमाल फर्जी एकाउंट बनाने के लिए किया गया था। फोन अब्दुल थुएज के नाम पर रजिस्टर्ड था। जाँच के बाद पुलिस ने मूदाबिदरी के रहने वाले दोनों भाइयों को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने जानकारी दी कि बांगेरा के द्वारा CAA और NRC का समर्थन करने के कारण अब्दुल भाइयों ने बदला लेने के उद्देश्य से यह सब किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया