इटली (Italy Boat Wreck) में रविवार (26 फरवरी, 2023) को प्रवासियों से भरी एक नाव पलटने से नवजात समेत 59 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा इटली के तटीय क्षेत्र कालब्रिया तट के पास समुद्री तूफान में नाव के चट्टान से टकराने के कारण हुआ। इस नाव में भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोग सवार थे। इस दुर्घटना में 80 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इनमें से ज्यादातर तैरकर किनारे आ गए थे। वहीं, कई लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नाव पर 150 से 200 लोग सवार थे। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। भूमध्य सागर के उस हिस्से में खराब मौसम के कारण बचावकर्मियों को लोगों को बचाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। दरअसल, यह नाव तुर्की से रवाना हुई थी और भारत, पाकिस्तान अफगानिस्तान, ईरान व कई अन्य देशों से लोगों को ले जा रही थी। इस जहाज को सुबह कालब्रिया के पूर्वी तट पर समुंद्र के किनारे स्थित स्टैकाटो डि कट्रो के पास पहुँचना था। बताया जा रहा है कि पहले तीन शव स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह करीब 4:40 बजे दक्षिणी इटली में स्टैकाटो डि कट्रो के पास समुंद्र तट पर मिले।
इटली की फायर बिग्रेड टीम ने सीएनएन को बताया कि नाव से करीब 80 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बचाए गए लोग ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हैं। इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए मानव तस्करों को इसके लिए दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, “खराब मौसम में लोगों की जान जोखिम में डालना सही नहीं था। 200 लोगों को एक साथ सिर्फ 20 मीटर लंबी नाव में बिठाना अपराध है। सुरक्षित यात्रा का झूठा वादा कर पैसों के लिए पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का जीवन खतरा में डालना अमानवीय है।”
आंतरिक मंत्री माटेओ पियानटेडोसी (Matteo Piantedosi) ने कहा कि इस तरह की खतरनाक यात्राओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया जाना चाहिए। वहीं, पोप फ्रांसिस ने कहा कि इस तबाही में फँसे सभी लोगों के लिए वे प्रार्थना कर रहे हैं। इनके अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इटली में प्रवासियों से भरी नाव के पलटने पर दुख जताया है। इसमें मरने वाले 59 लोगों में से 24 से अधिक पाकिस्तानी थे। शरीफ ने कहा कि इटली में नाव दुर्घटना में दो दर्जन से अधिक पाकिस्तानियों की मौत की खबर बेहद चिंताजनक और दुखद है।
बता दें कि भूमध्य सागर मार्ग को दुनिया के सबसे खतरनाक मार्गों में से एक माना जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014 से अब तक इस रास्ते का इस्तेमाल करने वाले 17,000 लोग या तो जान गँवा चुके हैं या लापता हो गए हैं।