खुदाई में मिला हजारों साल पुराना ‘फ्रिज’ और उसमें रखा खाना, साथ में सूर्य देवता की वेदी भी: वैज्ञानिक भी नहीं समझ पा रहे कैसे करता है काम

बुल्गारिया के नोवा में रोमन सैन्य शिविर (फोटो साभार: Mirror/NYPost)

यूरोपीय देश बुल्गारिया (Bulgaria) में पुरातत्वविदों ने एक प्राचीन फ्रिज (Fridge) बरामद किया है, जिसमें अभी भी बचा हुआ खाना है। जिस जगह यह फ्रिज मिला है, वह पहले रोमन साम्राज्य (Roman Empire) का एक सैन्य शिविर था। यह पहली शताब्दी ईस्वी का होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

यह बुल्गारिया के Svishtov शहर से लगभग चार किलोमीटर पूर्व में स्थित नोवा (Novae) पुरातात्विक स्थल में पाई गई है। यह फ्रिज सिरेमिक प्लेटों से बनाया गया है। इसमें अभी भी जानवरों की हड्डियाँ, व्यंजन के टुकड़े और पके हुए मांस के निशान हैं।

पोलैंड में वारसॉ विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने इसे 7 अक्टूबर 2022 को दुनिया के सामने लाया है। यूनिवर्सिटी के एंटिकिटी ऑफ साउथईस्टर्न यूरोप रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर पिओट्र डाइजेक के अनुसार, फ्रिज और अंदर की सामग्री की सही उम्र के बारे में अभी पता लगाया जाना बाकी है।

विशेषज्ञों ने यह नहीं बताया कि फ्रिज कैसे काम करता था, लेकिन आमतौर पर उन्हें जमीन के नीचे गड्ढों में रखा जाता था, जो गर्मियों में सामग्री को अच्छी तरह से ठंडा रखने के लिए बर्फ से ढके होते थे। डाइजेक ने बताया कि ऐसे ‘रेफ्रिजरेटर’ की खोज दुर्लभ है, क्योंकि इमारतों के पुनर्निर्माण के दौरान शायद ही ये बचते हैं।

फ्रिज के अलावा, पुरातत्वविदों को सिक्कों का एक संग्रह मिला, जिनमें से अधिकांश कांस्टेंटाइन द ग्रेट के शासनकाल की शुरुआत से लेकर तीसरी शताब्दी के मध्य में तक के हैं। तीसरी शताब्दी के मध्य में गोथ आक्रमण हुआ था। उन्होंने घर के अवशेषों के साथ-साथ दीवारों की एक पूरी लाइन का भी खुलासा किया, जिसमें क्वार्न पत्थरों, बुनाई और मछली पकड़ने, हड्डियों और पोत के टुकड़े शामिल हैं।

प्रोफेसर ने बताया कि इस क्षेत्र में चल स्मारकों का भी पता लगाया गया है और उनमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं, दो रोमन वेदियाँ। इन वेदियों पर अभिलेख भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “वे बहुत ही अनोखे हैं, हम मिथ्रा को समर्पित वेदियों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं।”

इनमें से एक सूर्य देवता को समर्पित है, जिन्हें मिथ्रा कहा जाता था। वहीं, दूसरा वेदी कैपिटोलिन ट्रिनिटी (बृहस्पति, मिनर्वा, जूनो) को समर्पित है। इसे इटली की पहली सैन्य टुकड़ी के सेनापति द्वारा दान किया गया था।

डाइजेक ने कहा, “वेदियों के दाताओं के कार्य बहुत दिलचस्प हैं। सेनापति सेना का निशान पहनता था और यह एक उच्च पद था। अब तक, ऐसे पदों पर बैठे पुरुषों को चित्रित करने वाले कुछ शिलालेख पाए गए हैं।”

विशेषज्ञों का कहना है कि नोवा शहर को पहली शताब्दी ईस्वी में रोमन सैनिकों के लिए डेन्यूब नदी पर एक स्थायी सैन्य शिविर के रूप में बसाया गया था। यहाँ बने किले में पाँचवीं शताब्दी के मध्य तक सैनिक रहते थे। माना जाता है कि लगभग 6.2 मील नहर और दो बड़े पानी के टैंकों से बुल्गारिया स्थित रोमन सेना को पानी पहुँचाया जाता था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया