ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (ABC) न्यूज़ ने रविवार (16 जून) को भारत पर एक और हमला किया। इसमें मीडिया हाउस ने मोदी सरकार पर ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले खालिस्तानियों की हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया है। इस तरह का दुष्प्रचार अभियान चलाने वाले लोगों में एक अवनी डायस हैं। अवनी पहले भारत सरकार द्वारा अपना वीज़ा रद्द किए जाने को लेकर झूठ बोला था।
एबीसी की उस रिपोर्ट को भारत में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व उच्चायुक्त बैरी ओ’फैरेल ने दोनों देशों के संबंधों को कमजोर करने वाला प्रयास बताया है। इंडियनलिंक से बात करते हुए ओ’फैरेल ने कहा, “एबीसी का चार्टर है कि उसे निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ होना चाहिए और उसके पत्रकारों को उन मानकों को बनाए रखना चाहिए।” मुझे चिंता है कि इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंधों को संभावित नुकसान हो सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “रिपोर्ट निराशाजनक थी, क्योंकि ऐसा लग रहा था कि यह आलोचनाओं का एक समूह है, जिसमें दर्शकों को प्रस्तुत मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम बनाने का प्रयास नहीं किया गया है। चाहे वह सांप्रदायिकता हो, खालिस्तान हो या कनाडा और अमेरिका के आरोप हों।” उन्होंने आगे कहा, “ऑस्ट्रेलिया का कनाडा से स्पष्ट रूप से अलग दृष्टिकोण है, जो भारत के साथ संवाद पसंद करता है। ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ अपने संबंधों में अपने मूल्यों को लाना जारी रखता है।”
ओ’फैरेल ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा पहली बार लगाए गए आरोपों (खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की मौत के संबंध में) के लगभग एक साल बाद हमने कनाडा में कोई अदालती कार्रवाई नहीं देखी है। जहाँ तक मेरी जानकारी है, हमने संयुक्त राज्य अमेरिका में भी कोई अदालती कार्रवाई नहीं देखी है।”
पूर्व उच्चायुक्त ने कहा कि यह सुझाव देना कि भारतीयों का ऑस्ट्रेलियाई राजनीति में शामिल होना, उनकी अपनी उन्नति के लिए है या फिर ऑस्ट्रेलियाई सरकार के भारत के साथ संबंधों को प्रभावित करने के लिए है, उन नागरिकों के खिलाफ पूरी तरह से कलंक है जो उद्यमी और शांतिपूर्ण हैं।
बैरी ओ’फैरेल की टिप्पणी ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) में छपे लेख के जवाब में आई है, जिसका शीर्षक है – नरेंद्र मोदी की भारत सरकार और उसके सहयोगियों पर जासूसी करने, सिख आलोचकों को चुप कराने और ऑस्ट्रेलिया में अपनी दूर-दराज़ की विचारधारा को आगे बढ़ाने का आरोप।