इमरान के पूर्व MLA जान बचाकर भारत आए, पाक वापस नहीं भेजने के लिए PM मोदी से माँगी मदद

इमरान खान की पार्टी के MLA बलदेव (बाएँ)

कश्‍मीर में मानवाधिकारों के उल्‍लंघन का आरोप लगाने वाले पाकिस्‍तान में खुद अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकारों का किस कदर हनन हो रहा है, इसका खुलासा खुद पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के एक पूर्व विधायक ने किया है। इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों पर हो रहे अत्‍याचारों से त्रस्त होकर भारत में शरण माँगी है। वह इस वक्‍त अपने परिवार के साथ पंजाब में हैं और आगे भी वो भारत में ही रहना चाहते हैं।

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बता दें कि बलदेव कुमार पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां प्रांत के बारीकोट आरक्षित सीट से विधायक रहे हैं। 43 वर्षीय पूर्व विधायक अब अपने परिवार के साथ पाकिस्‍तान नहीं लौटना चाहते हैं। उनका कहना है कि पाकिस्‍तान में हिंदू-सिख महफूज नहीं हैं। वहाँ उन पर अत्‍याचार होते हैं। उनकी हत्‍याएँ हो रही हैं। उन्होंने कहा कि वो किसी तरह वहाँ से जान बचाकर अपने परिवार के साथ भारत आए हैं। वो जल्द ही भारत में शरण के लिए आवेदन करेंगे। पीटीआई नेता ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि वहाँ पर हिंदू और सिखों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा और उनको जबरन परेशान किया जाता है।

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भारत के खिलाफ लगातार आग उगल रहे पाकिस्तान को अब वहाँ के लोग ही आईना दिखाने लगे हैं। बलदेव कुमार का यह भी कहना है कि इमरान के पीएम बनने के बाद अल्‍पसंख्‍यकों पर जुल्‍म बढ़ा है। पाकिस्तान को इमरान खान से उम्मीदें थीं कि वह एक नया पाकिस्तान बनाएँगे, लेकिन वह अपनी जनता की सुरक्षा करने में नाकाम रहे हैं। सेना और आइएसआइ उन पर हावी है।

वहीं, बलदेव की पत्नी भावना ने कहा कि पाकिस्तान में महिलाओं की हालत बदतर है। वह अपनी मर्जी से घरों से बाहर भी नहीं जा सकती। नौकरी करना तो बहुत दूर की बात है। भावना ने कहा कि वहाँ के हालात देखकर ही शादी के बाद भी उन्होंने भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी थी। बता दें कि बलदेव कुमार की शादी 2007 में पंजाब के खन्ना की रहने वाली भावना से हुई थी। शादी के समय वो पाकिस्तान में पार्षद थे और बाद में विधायक बने। भावना अभी भी भारतीय नागरिक हैं।

बलदेव कुमार ने कुछ महीने पहले परिवार को पंजाब के लुधियाना में अपने रिश्तेदारों के पास खन्ना शहर भेज दिया था। 12 अगस्त को तीन महीने के वीजा पर खुद बलदेव भी यहाँ आ गए थे, लेकिन अब वे वापस नहीं लौटना चाहते। बलदेव ने बताया कि साल 2016 में उनके विधानसभा क्षेत्र के एक विधायक की हत्या हो गई थी। इस मामले में उन पर झूठे आरोप लगाए गए और उन्हें 2 साल तक जेल में रखा गया था। जब विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में मात्र दो दिन बाकी रह गया था, तब उन्हें बरी किया गया और उन्होंने विधायक की शपथ ली। इस तरह बलदेव सिर्फ 36 घंटे के लिए ही विधायक रहे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया