रविवार को तालिबान ने पाकिस्तानी सेना की मदद से अफगानिस्तान के पंजशीर इलाके पर हमला किया, जिसमें नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के प्रवक्ता फहीम दश्ती की मौत हो गई। इसके अलावा, तालिबान के हमले में फ्रंट के शीर्ष कमांडर जनरल साहिब अब्दुल वदूद की भी मौत हो गई। दश्ती और वदूद की मौत को ताजिक मूल के विद्रोही नेता और एनआरएफ के प्रमुख अहमद मसूद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। ये दोनों मसूद के बेहद करीबी और विश्वसनीय थे। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि बीबीसी की एक गलती फहीम दश्ती की मौत का कारण बनी।
सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि फहीम के बारे में तालिबान को कैसे जानकारी मिली? इसके लिए लोग बीबीसी को दोषी बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि बीबीसी ने फहीम का सेटेलाइट नंबर सार्वजनिक किया, जो तालिबान के लिए फायदेमंद साबित हुई और उसने नंबर को ट्रेस कर फहीम पर हमला कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर तालिबान ने जब पंजशीर पर हमला किया और रेजिस्टेंस फ्रंट के नेताओं को निशाना बनाया, तब अहमद मसूद के साथी फहीम दश्ती बीबीसी को इंटरव्यू दे रहे थे। खुद को नीति विशेषज्ञ बताने वाले जलमई निशत ने अपने ट्विटर हैंडल @ZalNishat से ट्वीट कर कहा कि जब वे बीबीसी पर्शिया पर फहीम का साक्षात्कार देख रहे थे, उसी दौरान फहीम से बीबीसी का कनेक्शन कट गया और उनका सेटेलाइट मोबाइल नंबर स्क्रीन पर फ्लैश होने लगा।
https://twitter.com/ZalNishat/status/1434663780806504450?ref_src=twsrc%5Etfwलोगों का कहना है कि इसी सेटेलाइट नंबर के आधार पर तालिबान ने फहीम को ट्रेस कर लिया और उन तक पहुँच गया। इसके बाद तालिबान ने ड्रोन से हमला कर फहीम और उनके साथियों को निशाना बनाया। सोशल मीडिया पर लोगों ने फहीम की मौत के लिए बीबीसी को पूरी तरह जिम्मेदार बताया है।
फहीम ने साक्षात्कार के दौरान कहा था कि एनआरएफ का तालिबान के साथ सरकार बनाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया था कि अफगानिस्तान के भविष्य के लिए वे और उनका लड़ाकू दस्ता जान देने के लिए तैयार है।
वहीं, बीबीसी की इस करतूत को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सुमी नाम के ट्विटर हैंडल ने संयुक्त राष्ट्र को टैग करते हुए लिखा है, “यह एक गंभीर युद्ध अपराध है और इसके लिए बीबीसी पर आरोप तय किये जाने चाहिये।” allabtme नामके ट्वीटर यूजर ने कहा कि बीबीसी ने जानबूझकर ऐसा किया है।
गौरतलब है कि पंजशीर में तनावपूर्ण स्थिति है। घाटी में तालिबान और नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (NRF) के बीच जारी जंग अभी भी जारी है। तालिबान का दावा है कि उसने घाटी पर पूरी तरह से अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया है। वहीं, एनआरएफ ने तालिबान के जीत के दावों को नकारा है और कहा है कि इलाके के हर रणनीतिक जगह पर उसके लड़ाके तैनात हैं।