13 साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या कर ब्रिटेन गया अफगान शरणार्थी जुबैदुल्लाह, ऑस्ट्रिया पुलिस की शिकायत पर अब प्रत्यर्पण

ऑस्ट्रिया से भागे अफगानी रेपिस्ट और हत्यारे को ब्रिटेन ने दी शरण (चित्र साभार - डेली मेल UK)

ग्रूमिंग जिहाद से जूझ रहे ब्रिटेन में एक और अफगानी रेपिस्ट को शरण देने का मामला सामने आया है। अफगानी आरोपित का नाम रसूली ज़ुबैदुल्लाह है। उस पर ऑस्ट्रिया के विएना में एक 13 साल की बच्ची के साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या करने का आरोप है। ज़ुबैदुल्लाह ने ब्रिटेन में अफगानी शरणार्थी के रूप में शरण हासिल की है।

आरोपित ज़ुबैदुल्लाह ने पिछले साल गर्मियों में ऑस्ट्रिया की सैर की थी। उसका एक फोटो विएना के नामी टूरिस्ट पॉइंट पर भी वायरल हुआ है। इसी दौरान उसने एक 13 साल की स्कूली छात्रा का रेप किया। रेप के बाद उसने बच्ची की हत्या कर दी थी। लाश को निर्ममता से एक दरी में लपेट कर उसने सेंट्रल विएना में एक पेड़ पर रख दिया था। बच्ची का मृत शरीर उसके घर से लगभग 300 यार्ड दूर मिला था। क्षत-विक्षत शव से मिला DNA भी ज़ुबैदुल्लाह से मिलता पाया गया था। अपराध में अकेले ज़ुबैदुल्लाह ही नहीं, बल्कि अफगानी शरणार्थियों का एक पूरा समूह शामिल बताया गया था।

ऑस्ट्रिया पुलिस उस तक पहुँच पाती उस से पहले ही वह भागकर फ़्रांस के Dunkirk शहर पहुँच गया। वहाँ से उसने कई लोगों को लेकर जा रही एक नाव में बैठ कर इंग्लिश चैनल होते हुए ब्रिटेन में शरण ले ली। इंग्लैंड में यह नाव केंट तट पर रूकी थी। यहाँ ज़ुबैदुल्लाह ने अपना फर्जी नाम लिखवाते हुए खुद को अफगानी शरणार्थी बताया। ब्रिटिश प्रशासन ने उसे पूरी लंदन के वाइटचेपल स्थित एक होटल में शरण दे दी। यह होटल शरणार्थी घर के रूप में प्रयोग होता है। जब ऑस्ट्रिया पुलिस ने ब्रिटिश पुलिस को ज़ुबैदुल्लाह की जानकारी दी, तब वह होटल के एक कमरे में मिला। यह जुलाई महीने का उत्तरार्द्ध था और बच्ची की हत्या को लगभग 1 महीने हो चुके थे।

आरोपित की उम्र लगभग 23 साल है। अब उसकी याचिका पर सुनवाई हो रही है, जिसमें ऑस्ट्रिया की पुलिस ने ब्रिटेन से उसके प्रत्यर्पण की माँग की है। इस माँग में उसे अपने देश का फरार मुल्जिम बताते हुए उस पर ऑस्ट्रिया में केस चलाने की बात कही गई है। एक अनुमान के मुताबिक इंग्लैण्ड में फिलहाल 27,000 ऐसे शरणार्थी मौजूद हैं, जो इस साल फ्रांस के रास्ते ब्रिटेन में दाखिल हुए हैं। ये सभी शरणार्थी होटलों, हॉस्टलों और पूर्व फौजी कैम्पों में रखे गए हैं। इनमें ज्यादातर संख्या युवाओं की है।

माइग्रेशन वॉच यूके के चेयरमैन अल्प मेहमेट का कहना है, “सीमाओं पर सुरक्षा बलों के पास तलाशी का कोई साधन मौजूद नहीं है। अधिकतर शरणार्थियों ने अपने असली कागज़ात नष्ट कर दिए हैं। ऐसा अपनी असली पहचान छिपाने और नकली पहचान से इंट्री पाने के लिए किया जा रहा है। इन सभी को ब्रिटिश नागरिकों के दिए जा रहे टैक्स पर पाला जा रहा है।” आरोपित ज़ुबैदुल्लाह के बारे में उन्होंने कहा, “उसने जब अफगानिस्तान छोड़ा था तब वह टीनएज में था। उसके पास ऐसा कोई ठोस कारण नहीं था कि वो अपना पैतृक देश छोड़े।”

इस जघन्य कांड पर बोलते हुए ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री ने कहा है, “अफ़गानी शरणार्थियों ने अपने कायदों को तोड़ा है। हम उन्हें काबुल जाने वाले विमान में फिर से बैठा कर भेजेंगे। भले ही वहाँ तालिबान का शासन क्यों न हो।” अब मृतका के परिजनों ने अपने अधिकारियों पर अफगानियों को वापस न भेज पाने का आरोप लगा कर शिकायत दर्ज की है।

अब मृतका के परिजनों ने अपने अधिकारियों पर अफगानियों को वापस न भेज पाने का आरोप लगा कर शिकायत दर्ज की है। एक इंटरव्यू में मृतका की माँ ने अफगानियों के लिया कहा है कि, ‘ये यहाँ क्यों है ? इन्हे यहाँ से कब निकाला जाएगा ? कहाँ गए हमारे अधिकारी और नेता? फिलहाल आरोपित ज़ुबैदुल्लाह अभी ब्रिटेन की जेल में है। उसे वापस ऑस्ट्रिया भेजा जाएगा या नहीं इस पर फैसला जनवरी माह में होगा। जेल से ही उसकी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई भी हुई है।

गौरतलब है कि सीरियाई, ईराकी और अफगानी शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोल देने वाले ब्रिटेन में न सिर्फ आतंकी हमले बढ़े हैं बल्कि वहाँ रेप और ग्रूमिंग जिहाद जैसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। दिसम्बर 2020 को ब्रिटेन में आसिफ, आमिर सहित 30 आरोपितों पर 8 नाबालिग बच्चियों के साथ यौन अपराध का केस दर्ज किया गया था। पीड़िता बच्चियों की उम्र 13 से 16 वर्ष के बीच थी। इसी के साथ एक खुलासे के मुताबिक पिछले 40 साल में ब्रिटेन में कम से कम 5 लाख गैर-मुस्लिम (काफिर) लड़कियों के साथ समुदाय विशेष के लोगों ने रेप किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया