हाथ पर फिलिस्तीनी झंडा बना स्कूल पहुँची छात्राएँ, टीचर ने टोका तो हुआ बवाल: शिक्षक को स्कूल से निकालने की माँग

ब्रिटेन का वह स्कूल जहाँ फिलिस्तीनी झंडा हटाने पर चल रहा विवाद (साभार: डेलीमेल)

ब्रिटेन के स्टैफोर्डशायर स्थित बर्टन के एक स्कूल में टीचर ने छात्राओं से हाथ पर बनाया फिलिस्तीन का झंडा मिटाने को कहा। इसके बाद से उस शिक्षक को स्कूल से निकाल बाहर करने की माँग हो रही। डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार दो छात्रा हाथ पर फिलिस्तीन का झंडा रंगकर स्कूल पहुँचीं थी। शिक्षक द्वारा टोके जाने के बाद उनके अभिभावक बर्टन की द डे फेरर्स अकादमी के बाहर आकर प्रदर्शन करने लगे।

जानकारी के मुताबिक, स्कूल के हेडमास्टर से टीचर को निकालने के लिए 1000 अभिभावकों ने ऑनलाइन एक पीटिशन साइन की। इसमें लिखा गया कि कुछ छात्रों ने अपने हाथों को फिलिस्तीनी झंडे से रंगने का फैसला किया। उनसे कहा गया कि वे आतंकवादी समूह का समर्थन कर रहे हैं। इसमें आगे कहा गया है, “फिलिस्तीन कैसे आतंकवादी हो जाता है, जिस पर बमबारी की गई, घायल किया गया और मारा गया।”

डी फेरर्स ट्रस्ट ने बताया कि घटना के बाद से समुदाय के कुछ लोगों में तनाव है। ट्रस्ट मुख्य कार्यकारी इयान मैकनेली ने कहा कि बीच में ऐसी बातें हो रही थी कि इस संबंध में विरोध-प्रदर्शन होगा। लेकिन उन्होंने स्कूल के बाहर की व्यस्त सड़क को देखते हुए आग्रह किया कि ऐसा न किया जाए। उन्होंने कहा, “समुदाय के कुछ लोगों में तनाव है, लेकिन पुलिस अपनी ड्यूटी करते हुए हमारा समर्थन कर रही है और सलाह भी दे रही है कि स्थिति को कैसे सँभाला जाए।”

इयान के अनुसार, “हमारी सबसे बड़ी चिंता हमारे छात्रों की सुरक्षा और उनका भला है। इसलिए हम सलाह दे रहे हैं कि वे किसी भी विरोध-प्रदर्शन में शामिल न हों।” वह कहते हैं, “ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि हम ऐसे विरोध की प्रकृति के खिलाफ हैं जो मानव संकट की ओर ध्यान आकर्षित करवाता हो। बल्कि इसलिए क्योंकि हमें लगता है कि पहले से एक व्यस्त जगह पर चल रहे स्कूल में भीड़ बढ़ाना कोई अच्छी बात नहीं है।”

स्कूल की प्रिंसिपल कैथी हार्डी ने अभिभावकों को पत्र लिखकर कहा कि वह अपनी सुरक्षा को देखते हुए किसी प्रदर्शन में भाग न लें। साथ ही स्कूल के नियमों और अपेक्षाओं का पालन नहीं करने वाले छात्रों पर बिहेवियर पॉलिसी के तहत कार्रवाई की बात कही है।

बता दें कि हाल ही में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 11 दिनों का संघर्ष चला था। इसमें 200 से ज्यादा फिलिस्तीनियों और इजरायल के 12 लोगों की मौत हो गई थी। बाद में इजरायल ने संघर्ष विराम का ऐलान करते हुए चेतावनी दी थी कि इसका सम्मान नहीं करने पर लड़ाई को फिर से शुरू करने के लिए उसके दरवाजे खुले हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया