वाजपेयी, सुषमा, जेटली… अगला नंबर मोदी का: POK में जन्मा ब्रिटिश मुस्लिम सांसद

नज़ीर अहमद (फ़ाइल फ़ोटो)

ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ़ लॉर्ड के सदस्य नज़ीर अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है, “विपक्ष के बीजेपी पर जादू-टोना, तंत्र-मंत्र के दावे के बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व वित्‍तमंत्री अरुण जेटली, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज, मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम बाबू लाल गौर, गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर का पिछले एक साल के भीतर निधन हो गया। अगला नंबर नरेंद्र मोदी का है।”

https://twitter.com/nazir_lord/status/1165925619194048513?ref_src=twsrc%5Etfw

POK में पैदा हुए लॉर्ड नज़ीर अहमद को इस अभद्र ट्वीट के लिए यूज़र्स ने सोशल मीडिया में जमकर लताड़ लगाई। इसके बाद उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

https://twitter.com/brainey1410/status/1165929525328433152?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/ratrage/status/1166200645566816256?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/rhjdm/status/1166119378129018881?ref_src=twsrc%5Etfw

केंद्रीय मंत्री किरण किरण रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, “इस तरह के ब्रिटिश प्रबुद्ध वर्ग के बीच मैं नहीं समझ पा रहा हूँ कि इस धरती पर कैसे-कैसे लोग आ गए हैं। क्‍या आप लोगों को मैनेज करके हाउस ऑफ़ लॉर्ड के सदस्‍य बने हैं।”

किरण रिजूजू के अलावा कुमार विश्वास ने भी नज़ीर अहमद के इस ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1166026439990243328?ref_src=twsrc%5Etfw

बता दें कि नज़ीर अहमद पर 1970 के दशक में एक बच्‍ची और बच्‍चे के साथ रेप करने की कोशिशों से जुड़ा केस चला रहा है। इस मामले की जाँच साल 2016 में शुरू हुई थी।

24 अप्रैल 1957 को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जन्मे नज़ीर अहमद जब 11 साल के थे तभी उनके पिता ब्रिटेन चले गए थे। 18 साल की उम्र में नज़ीर ने ब्रिटेन की लेबर पार्टी ज्वॉइन कर ली। ब्रिटेन के पूर्व पीएम टोनी ब्लेयर ने 1988 में उसे हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स का सदस्य नियुक्त किया था। 2013 में नज़ीर अहमद को मोटर क्रैश मामले में सज़ा सुनाई गई थी, इसे नज़ीर ने एक यहूदी साज़िश करार दिया था। इसके बाद तुरंत ही उसे पार्टी से निकाल दिया गया और फिर नज़ीर ने लेबर पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया।

हाउस ऑफ़ लार्ड के बारे में आपको बता दें कि इसमें उच्च शिक्षित और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को सदस्य बनाया जाता है। यह सदन हाउस ऑफ़ कॉमन्स के कामों की निगरानी रखता है और पूरी तरह से स्वतंत्र होता है। इसके साथ ही सरकार द्वारा किए गए कामों का आंकलन करना भी इस सदन की ज़िम्मेदारी होती है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया