कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो G20 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे। शिखर सम्मेलन खत्म होने के दो दिन बाद भी वो नई दिल्ली में ही हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वो जिस हवाई जहाज से भारत की राजधानी दिल्ली में पहुँचे थे, वो हवाई जहाज ही खराब हो गया था। इस समस्या से निपटने के लिए कनाडा सरकार ने दूसरा हवाई जहाज भेजा था, लेकिन वो अब तक दिल्ली पहुँचा ही नहीं है। हालाँकि, अब भारत में खराब हुए उनके जहाज की मरम्मत हो गई है, तो अब मंगलवार (12 सितंबर, 2023) को किसी भी समय वो अपने देश वापस जा सकते हैं।
दो दिन तक होटल में ही रहे जस्टिन ट्रूडो
जस्टिन ट्रूडो 8 सितंबर को अपने 15 साल के बेटे के साथ भारत पहुँचे थे। यहाँ उन्होंने जी-20 के शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इसके बाद पीएम मोदी के साथ एक द्विपक्षीय बैठक हुई। रविवार को आधिकारिक कार्यक्रमों से फ्री होने के बाद से वो नई दिल्ली के ललित होटल में ही हैं। उनके साथ उनका बेटा, उनका स्टाफ और कनाडा से आए पत्रकार भी हैं। चूँकि भारत सरकार ने उनके ज्यादा भाव नहीं दिया है, इसलिए उनके साथ किसी भी तरह की आधिकारिक मीटिंग भी नहीं थी। ऐसे में रविवार, सोमवार और अब तक मंगलवार को भी वो अपने होटल में ही हैं।
बैकअप में रखा जहाज भी नहीं पहुँचा
कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रेस सचिव मोहम्मद हुसैन ने बताया था कि जस्टिन ट्रूडो को लाने के लिए कनाडा से दूसरे विमान ने उड़ान भरी थी, लेकिन रोम के बाद दिल्ली की ओर बढ़ने की जगह उसे वापस लंदन जाना पड़ा। हालाँकि, अब उन्होंने कहा है कि भारत में जिस विमान में खराबी आई थी, वो ठीक कर लिया गया है। ऐसे में ट्रूडो मंगलवार को कनाडा के लिए रवाना हो जाएँगे। उन्होंने बताया कि जहाज को उड़ान भरने के लिए जरूरी क्लियरेंस मिल चुकी है।
भारत का दौरा हो रहा बुरा साबित
जस्टिन ट्रूडो के लिए भारत का ये दौरा मुश्किलों भरा रहा है। पहले तो उन्हें जी-20 में भी कोई खास तवज्जो नहीं मिली। फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी उन्हें खालिस्तानियों के प्रति सॉफ्ट स्टैंड रखने की वजह से काफी कुछ सुनना पड़ा। इसके बाद उन्होंने सफाई तो दी, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं रही। इसके बाद उनका प्लेन खराब हो गया। उन्हें रिसीव करने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी उनसे दोबारा मुलाकात नहीं की है।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि उन्हें सिर्फ रिसीव करना था, इसके अलावा उनके साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं थी। हालाँकि, भारत सरकार सारे प्रोटोकॉल्स का पालन कर रही है, जो विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के लिए किया जाता है।
पहले भी परेशान कर चुका है ये प्लेन
कनाडा के प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए सीसी-150 पोलारिस नाम का 36 साल पुराना विमान इस्तेमाल किया जाता है। ये जहाज उन्हें पहले भी परेशान कर चुका है। सीबीसी न्यूज के मुताबिक, अक्टूबर 2016 में ये विमान उन्हें बेल्जियम की यात्रा के दौरान भी परेशान कर चुका है। इसके बाद साल 2019 में जब वो नाटो शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे थे, तो लंदन में भी इस जहाज ने धोखा दे दिया था। तब 16 महीने तक इस विमान की मरम्मत का काम चला था और इसकी पूरी ओवरहॉलिंग की गई थी। लेकिन, इस बार भारत में उन्हें फिर से इस जहाज ने धोखा दे दिया है।
हालाँकि, ताज़ा अपडेट ये है कि जस्टिन ट्रुडो कनाडा के लिए निकल गए हैं।