पड़ोसियों से दुष्टता कर रही कम्युनिस्ट पार्टी, सीमा पर भड़का रही तनाव: चीन पर अमेरिकी विदेश मंत्री

अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन के भारतीय क्षेत्र पर कब्जे को अवैध बताया है

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने चीन पर तीखा हमला किया है। उन्होंने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी को दुष्ट करार देते हुए कहा कि वह भारत के साथ सीमा पर तनाव भड़का रही है।

गलवान घाटी में बीते दिनों चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक बलिदान हो गए थे। माइक पोंपियो (Mike Pompeo) ने इस इलाके पर चीन के दावे को भी अवैध बताया।

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एक ऑनलाइन सम्मेलन के दौरान उन्होंने यह बात कही। पोंपियो ने कहा, “पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) ने विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले लोकतंत्र भारत के साथ सीमा तनाव बढ़ा दिया है। वह दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण कर रहा है और अवैध रूप से दावा कर रहा है।”

अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो ने कहा कि चीन की सीसीपी ‘नाटो’ (NATO) जैसे संस्थानों के जरिए दुनिया में बरकरार आजादी और उससे होने वाली तरक्की को खत्म करना चाहती है। वह सिर्फ चीन को फायदा पहुँचाने वाले नियम-कायदे अपनाना चाहती है। 

उन्‍होंने कहा, “कम्‍युनिस्‍ट पार्टी न केवल अपने पड़ोसियों के साथ दुष्‍टता कर रही है, बल्कि उसने कोरोना वायरस के बारे में दुनिया से झूठ बोला और इसे पूरी दुनिया में फैलने दिया। साथ ही विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन पर दबाव डाला कि वह उसके पापों को छिपाए। लाखों लोग कोरोना वायरस से मारे गए और वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था तबाह हो गई। महामारी के इतने दिनों बाद भी चीन ने ज‍िंदा वायरस के नमूने तक पहुॅंच मुहैया नहीं कराई है।”

उल्लेखनीय है कि हाल ही के दिनों में व्यापार, कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर चीन के गलत रवैए, उइगर मुस्लिमों के शिविर में मानवाधिकारों के हनन, हांगकांग की स्थिति और दक्षिण चीन सागर में चीनी गतिरोध बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर अमेरिका और चीन के बीच अनबन हुई है। पोंपियो ने यह भी कहा कि चीन अमेरिका और यूरोप के बीच साइबर कैम्पेन के जरिए गलत प्रचार कर रही है, ताकि यहाँ की सरकारों को कमजोर किया जा सके।

गौरतलब है कि चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (जून 19, 2020) को लद्दाख क्षेत्र स्थित गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को चीन की तरफ बताया है। चीन के इस दावे से एक दिन पहले ही भारत ने गलवान घाटी पर चीनी सेना के संप्रभुता के दावे को खारिज कर दिया था और बीजिंग को अपनी गतिविधियाँ एलएसी के उस तरफ तक ही सीमित रखने की चेतावनी देते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि भारत अपनी सम्प्रभुता में हस्तक्षेप का जवाब देने में सक्षम है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया