पहले उइगर औरतों के साथ एक ही बिस्तर पर सोए, अब मुस्लिमों की AI कैमरों से निगरानी: चीन के दमन की जर्मन मीडिया ने खोली पोल, सूअर का माँस तक खिला चुका है

चीन एआई से रख रहा उइगर मुस्लिमों पर नजर

चीन का सुरक्षा प्रशासन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैमरों की मदद से उइगर ( अधिकांश मुस्लिमों) पर नजर बनाए हुए है। ये खुलासा जर्मन मीडिया के आउटलेट टेबल.मीडिया ने किया है। टेबल मीडिया के अनुसार जिस दस्तावेज के आधार पर वो ये बता रहे हैं वो दस्तावेज उन्हें शंघाई, झेजियांग प्रांत के विभिन्न शहरों तथा दक्षिण-पश्चिमी महानगर चेंगदू के पुलिस विभागों से प्राप्त हुए हैं। इनसे पुष्टि होती है कि एआई कैमरों के माध्यम से उइगरों पर निगरानी रखी जा रही है।

जानकारी के मुताबिक, प्राप्त दस्तावेज पिछले 6 सालों के हैं जिनमें सबसे हालिया 2023 का है। ये बताता है कि उइगरों के चेहरा एआई कैमरों की जरिए पहचानने के लिए प्रयास चल रहे हैं। इस दस्तावेज के मुताबिक राज्य में वर्षों से उइगरों की पहचान के लिए ऐसी कोशिशें हो रही हैं क्योंकि इस समुदाय के लिए चीन के मन में अब भी बहुत सी आशंकाएँ हैं।

इस मामले में वुर्जबर्ग विश्वविद्यालय के झिंजियांग विशेषज्ञ ब्योर्न अल्परमैन कहते हैं कि ‘उल्लेखित’ दस्तावेजों से साफ पता चलता है कि चीनी सुरक्षा अधिकारी व्यवस्थित रूप से उइगरों के साथ अपराधियों जैसा बर्ताव करते हैं और उन्हें दोयम दर्जे के नागरिक की तरह उनके साथ बर्ताव करते हैं।

बता दें कि एआई कैमरों के जरिए चीन के सुरक्षाकर्मी ये पहचानने का प्रयास करेंगे कि उइगर विशेष रूप से कहाँ-कहाँ हैं और वो किसके संपर्क में आते हैं। जुहूई में अकेल 3700 कैमरे इस संबंध में निगरानी कर रहे हैं जो तस्वीरें लेते हैं और प्रशासन को सचेत रखते हैं। निगरानी के दौरान चेहरे की तस्वीर और उसका पूरा डेटा आता है। चश्मा लगाए लोग और दाढ़ी बढ़ाकर भी कोई इन चीजों से नहीं बच सकता। एआई इस डेटा को कलेक्ट करके सारी इन्फॉर्मेशन निकालता है और फिर उनसे जुड़ी सारी जानकारी चीन के सुरक्षा अधिकारियों को देता है। फिलहाल जुहूई में ये सिस्टम14 पुलिस थानों, डिटेंशन सेंटर और ट्रैफिक पुलिस कार्यालयों में प्रयोग हो रहा है।

गौरतलब है की चीन में उइगर मुस्लिमों को खतरे की तरह देखा जाता है। इसके संबंध में 2019 से खबरें आ रही हैं कि चीन उइगर मुस्लिमों में से कट्टरपंथ निकालने के नाम पर डिटेंशन सेंटर में डालता है और वहाँ उन्हें अनगिनत प्रताड़नाएँ दी जाती हैं। कई विदेशी मीडिया इस मुद्दे पर रिपोर्ट भी कर चुके हैं, लेकिन चीन के खिलाफ आवाज उठाने का काम कोई इस्लामी मुल्क नहीं करता है।

इस समय चीन में जब हर विरासत का चीनीकरण करने के काम हो रहा है, तब मस्जिदों पर भी हथौड़े चलाकर उसके मीनार और गुंबद तोड़े जा चुके हैं। इसके अलावा मुस्लिम महिलाओं पर भी अत्याचार होते हैं। पुरानी रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे चीन में सुरक्षाकर्मी पुरुषों को डिटेंशन सेंटर में डालकर महिलाओं के साथ हमबिस्तर होने चले जाते थे। इसके अलावा महिलाओं की वहाँ जबरन नसबंदी करा दी जाती थी और शराब पिलाने और पोर्क खिलाने का काम भी होता था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया