चाइनीज माल जैसी चीनी अर्थव्यवस्था, 27 साल के निचले स्तर पर ग्रोथ रेट

अपने चीनी समकक्ष के साथ डोनाल्ड ट्रंप (बाएं)

भारत के पड़ोसी देशों की अर्थव्यवस्था ICU से गुजर रही है। पाकिस्तान के बाद अब उसके सदाबहार दोस्त चीन की हालात भी नाजुक दौर में है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध और वैश्विक स्तर पर माँग की कमी का असर चीन पर पड़ा है। शायद यही वजह है कि चीन की आर्थिक विकास की रफ्तार 27 साल में सबसे सुस्त पड़ गई है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार चीन की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2019 की दूसरी तिमाही में 6.2% रही।

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वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पिछले तीन दशक में सबसे कम रही है। अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार के कारण भी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अमेरिका के खिलाफ लड़ने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। पिछले वर्ष से चीन के आर्थिक विकास पर मंदी का दबाव पड़ा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार मंद पड़ने का एक प्रमुख कारण चीन और अमेरिका के बीच जारी व्यापारिक तनाव (ट्रेड वॉर) को माना जा रहा है।

डोनाल्ड ट्रम्प मना रहे हैं खुशियाँ

चीन की अर्थव्यवस्था के आँकड़ों में तीन दशक में सबसे कम वृद्धि दर की रिपोर्ट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खुशियाँ मना रहे हैं। उन्होंने कहा, “पिछले 27 साल में इस दूसरी तिमाही में चीन में सबसे कम ग्रोथ दर्ज हुई है। यह अमेरिकी टैरिफ का नतीजा है, अब कंपनियां गैर-टैरिफ वाले देशों की ओर जाने को बेताब हैं। चीन से कंपनियां देश छोड़ कर जा रही हैं, यही वजह है कि चीन अब अमेरिका से डील करना चाहता है।”

आँकड़ों के अनुसार, साल 2019 के अप्रैल-जून के दौरान चीन की जीडीपी वृद्धि दर 6.2% रही, जबकि पहली तिमाही में यह 6.4% थी। इससे कम वृद्धि दर 1992 की जनवरी-मार्च तिमाही में दर्ज की गई थी।हालाँकि, जीडीपी के यह आँकड़े पूरे साल के लिए सरकार के छह से 6.5% के लक्ष्य के अनुरूप हैं।

बीजिंग और वाशिंगटन के बीच व्यापारिक विवाद का असर अर्थव्यवस्था की सेहत पर नजर आने लगा है। यही वजह हैं कि बीजिंग के अधिकारी अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ व्यापारिक विवाद को सुलझाने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स ने कहा कि बाहरी अनिश्चितताओं को लेकर अर्थव्यवस्था जटिल दौर से गुजर रही है। ब्यूरो ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था पर नया दबाव बना हुआ है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया