‘जान बचा कर भागा, कार का शीशा फोड़ कर खींचा गया’: इमरान खान पर अब जानलेवा हमले का केस, चुनाव लड़ने पर पहले ही लग चुकी है रोक

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो)

चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित होने के बाद अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलों में और इजाफा हुआ है। इमरान के खिलाफ इस्लामाबाद में एक FIR दर्ज हुई है। इस FIR में उन पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है। यह केस पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ नामक संगठन के नेता मोहसिन शाहनवाज़ राँझा ने रज करवाया है। एक दिन पहले मोहसिन पर चुनाव आयोग के ऑफिस के बाहर हमला हुआ था। ये FIR शनिवार (21 अक्टूबर, 2022) को दर्ज हुई है।

शिकायतकर्ता रांझा के मुताबिक, इमरान खान को जिस तोशाखाना मामले में 5 साल के लिए पद के अयोग्य घोषित किया गया है, वो उसी केस में वादी हैं। पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में राँझा ने बताया कि 21 अक्टूबर, 2022 को उनके समर्थक और PTI (पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ) पार्टी के कार्यकर्ता इस्लामाबाद में चुनाव आयोग के ऑफिस पर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दिन उनकी चुनाव आयोग में बतौर वादी पेशी थी। जब वो चुनाव आयोग के ऑफिस से बाहर निकल रहे थे, तभी उन पर इमरान खान के समर्थक टूट पड़े।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहसिन शाहनवाज़ राँझा का दावा है कि अपनी जान बचा कर वो वो जैसे-तैसे कार तक पहुँचे पर वहाँ भी उनका पीछा नहीं छोड़ा गया। उनका दावा है कि इस दौरान उनके कार के शीशे फोड़ कर उन्हें बाहर खींचने का प्रयास किया गया। इस हमले के बाद उन्होंने इमरान खान के खिलाफ इस्लामाबाद के सचिवालय पुलिस थाने में FIR दर्ज करवाई है। अपनी शिकायत में रांझा ने लिखा है कि हमले के दौरान उनकी हत्या हो सकती थी।

इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिसकर्मियों को हलमावारों से उलझते भी देखा जा सकता है। आखिर में जैसे-तैसे पुलिस शाहनवाज राँझा को वहाँ से निकालने में सफल रही।

अपनी शिकायत में रांझा ने इमराना खान को मुख्य साजिशकर्ता बताया है। उन्होंने कहा है कि इमरान के ही इशारे पर उनके समर्थकों ने उन पर हमला किया था।

गौरतलब है कि इमरान खान पर आरोप है कि वो विदेशों से मिले उपहार को बेच दिया करते थे। पाकिस्तानी कायदों के मुताबिक उसे तोशाखाना (सरकारी ख़ज़ाने) में जमा किया जाता है। इन आरोपों की पुष्टि होने के बाद इमरान खान को 5 वर्षों के लिए पद के अयोग्य घोषित कर दिया गया। यह निर्णय मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा की अध्यक्षता वाली पाँच सदस्यीय पीठ ने सुनाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया